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गुजरात : सीएम भूपेंद्र पटेल ने गृह समेत इन विभागों को अपने पास रखा, पढ़ें- किसे मिला कौन सा मंत्रालय
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने आज नई मंत्रिपरिषद में विभागों का बंटवारा कर दिया. पटेल ने गृह सहित कई विभाग अपने पास ही रखे हैं और कोई उपमुख्यमंत्री नियुक्त नहीं किया है. उन्होंने कनुभाई देसाई को वित्त एवं ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल्स विभाग की जिम्मेदारी सौंपी है.
मुख्यमंत्री पटेल ने गृह विभाग के अलावा सामान्य प्रशासन विभाग ,सूचना एवं प्रसारण, उद्योग, खान एवं खनिज, शहरी विकास, शहरी आवास और नर्मदा तथा बंदरगाह विभाग का प्रभार भी अपने पास रखे हैं.
विजय रूपाणी सरकार के दौरान विधानसभा अध्यक्ष रहे राजेंद्र त्रिवेदी को राजस्व, कानून और न्याय तथा संसदीय कार्य विभाग कैबिनेट स्तर के मंत्री के रूप में आवंटित किया गया है. जीतूभाई वघानी को कैबिनेट मंत्री के रूप में शिक्षा विभाग दिया गया है, जबकि रिषीकेश पटेल को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और मेडिकल शिक्षा विभाग और जल संसाधन व जलापूर्ति विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
पूर्णेश मोदी सड़क एव भवन, परिवहन, नागर विमानन, पर्यटन, तीर्थयात्रा विभाग संभालंगे. राघवजी पटेल कृषि एवं पशुपालन विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे. कैबिनेट स्तर के एक अन्य मंत्री, किरीतसिंह राणा को वन, पर्यावरण, जलवायु परविर्तन और प्रिंटिग तथा स्टेशनरी विभाग दिया गया है.
नरेश पटेल जनजातीय विकास और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग संभालेंगे. प्रदीप परमार को सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री, जबकि अर्जुनसिंह चौहान को ग्रामीण विकास और ग्रामीण आवास मंत्री बनाया गया है.
हर्ष सांघवी गृह राज्य मंत्री होंगे. वह आपदा प्रबंधन और पुलिस हाउसिंग विभाग भी संभालेंगे. राज्य मंत्री मनीषाबेन वकील को महिला एवं बाल विकास विभाग का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है. वह सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग की राज्य मंत्री भी होंगी. वहीं, निमिशा सुतार को जनजाति विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और मेडिकल शिक्षा विभागों का मंत्री बनाया गया है.
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मंत्रिपरिषद में 24 नए सदस्यों को शामिल किया है. राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने गुरुवार को 10 कैबिनेट मंत्रियों और 14 राज्य मंत्रियों को शपथ दिलाई, जिनमें पांच स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री भी शामिल हैं.
राज्य के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में सोमवार को शपथ ग्रहण करने वाले भूपेंद्र पटेल इस दौरान रूपाणी के साथ मौजूद थे. रूपाणी के शनिवार को मुख्यमंत्री पद से अचानक इस्तीफा देने के बाद नई मंत्रिपरिषद का गठन किया गया है. खास बात है कि नई मंत्रिपरिषद में रुपाणी सरकार में मंत्री रहे एक भी मंत्री को शामिल नहीं किया गया है.
मंत्रिपरिषद के गठन में पार्टी ने जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कोशिश की है. पाटीदार समुदाय के नेता भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री पद के लिए चुनने के बाद बीजेपी ने पटेल और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) में प्रत्येक से छह, अनुसूचित जाति से चार, अनुसूचित जनजाति से तीन, ब्राह्मण और क्षत्रिय से दो-दो तथा जैन समुदाय से एक सदस्य को मंत्री पद दिया है.
नेताओं में असंतोष
शपथ ग्रहण समारोह के बाद पार्टी के एक सूत्र ने बताया कि वरिष्ठ नेताओं को मंत्रिपरिषद में शामिल ना किए जाने को लेकर व्यापक असंतोष है. पत्रकारों ने जब पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल से इस कथित असंतोष के बारे में पूछा तो उन्होंने दार्शनिक अंदाज में कहा, ''लोग पदों पर आते हैं और जाते हैं. उनके समर्थकों को इसकी अनुभूति होती है. लेकिन अब यह मेरी जिम्मेदारी नहीं है. पार्टी नेतृत्व को इसे देखना होगा.''