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गोधराकांड पर हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला: 11 दोषियों की फांसी की सजा उम्रकैद में बदली

Vikas Kumar
9 Oct 2017 1:16 PM IST
गोधराकांड पर हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला: 11 दोषियों की फांसी की सजा उम्रकैद में बदली
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2002 में गोधरा में ट्रेन आगजनी मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अब नहीं होगी फांसी। कोर्ट ने इस मामले में 11 दोषियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। साथ ही कोर्ट ने...

अहमदाबाद : 2002 में गोधरा में ट्रेन आगजनी मामले में आज गुजरात हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 11 दोषियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। साथ ही मारे गए 59 लोगों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी ऐलान किया है।

अब इस मामले में किसी भी दोषी को फांसी की सजा नहीं होगी। कोर्ट ने इसी मामले में विशेष एसआईटी अदालत द्वारा 20 अन्य को सुनाई गई उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा। हाई कोर्ट ने एसआईटी की विशेष अदालत की ओर से आरोपियों को दोषी ठहराए जाने और बरी करने के फैसले को चुनौती देने वाली अपीलों पर यह फैसला सुनाया है।

27 फरवरी 2002 में गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस कर S-6 बोगी को जला दिया गया। जिसमें 59 लोगों के मौजूद होने की बात कही गई, जिसमें से ज्यादातर अयोध्या से लौट रहे कार सेवक थे। इस मामले में बनाई गई SIT ने जांच की और 11 मार्च 2011 को 31 दोषियों को सजा सुनाई गयी थी, जिसमें 11 को फांसी और 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने इस मामले में 63 आरोपियों को बरी किया था।

इस मामले में कोर्ट ने जिनकी फांसी की सजा को उम्र कैद में बदली उनमें हाजी बिलाल इस्माइल, अब्दुल मजीद रमजानी, रज्जाक कुरकुर, सलीम उर्फ सलमान जर्दा, ज़बीर बेहरा, महबूब लतिका, इरफान पापिल्या, सोकुट लालू, इरफान भोपा, इस्माइल सुजेला और जुबीर बिमयानी है।

आपको बता दें 27 फरवरी 2002 को गोधरा रेलवे स्टेशन के पास साबरमती ट्रेन के एस-6 कोच में लगी आग में 59 कारसेवकों की मौत हो गई। इस मामले में करीब 1500 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बताया जाता है कि इस ट्रेन में भीड़ ने पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। गोधरा कांड की जांच कर रहे नानवटी आयोग ने भी ऐसा ही माना। इसके बाद प्रदेश में सांप्रदायिक दंगे भड़के और उसमें 1200 से अधिक लोग मारे गए।

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