
जब मनमोहन ने कर दी मोदी सरकार की अव्हेलना, बोेले नोटबंदी विनाशकारी आर्थिकनीति

नई दिल्ली: नोटबंदी के साल पूरे होने से ठीक पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसे सरकार की बड़ी भूल बताया है। गुजरात दौरे से पहले एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में उन्होंने पीएम मोदी को अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए बेहतर कदम उठाने की नसीहत दी है। पूर्व प्रधानमंत्री का मानना है कि इस फैसले से समाज में असमानता का खतरा बढ़ा है।
मनमोहन सिंह ने कहा कि नोटबंदी एक विनाशकारी आर्थिक नीति साबित होने जा रही है। इसके चलते बड़े पैमाने पर आर्थिक, सामाजिक और संस्थागत नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी का तत्काल असर छोटे और मध्यम सेक्टरों पर दिखा, जहां बड़ी संख्या में नौकरियां खत्म हो गई हैं। GDP का गिरना आर्थिक नुकसान का महज संकेत है। इसका हमारे समाज के गरीब तबकों और व्यापार पर जो असर हुआ है, वो कहीं ज्यादा नुकसानदायक है।
पीएम मोदी के नोटबंदी लागू करने के बाद ही मनमोहन सिंह ने इस फैसले की कड़ी निंदा की थी। मनमोहन सिंह ने इस फैसले से 2 फीसदी जीडीपी घटने के अनुमान जताया था। नोटबंदी से पहले जुलाई से सितंबर 2016 में जीडीपी 7.4% थी। जो नोटबंदी के बाद जनवरी से मार्च 2017 में घटकर 6.1% रह गई थी।
वहीं जीडीपी में गिरावट को लेकर सरकार की अपनी दलील है। सरकार का दावा है कि जीडीपी में गिरावट बेहद कम समय के लिए है और अर्थव्यवस्था जल्द ही रफ्तार पकड़ लेगी। नोटबंदी के एक साल होने पर मनमोहन पीएम मोदी को फिर से नसीहत दे रहे हैं कि देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए राजनीति के बजाय सबको साथ लाना होगा।
नौकरियों पर पड़ा सीधा असर
मनमोहन सिंह ने कहा कि 'इसका (नोटबंदी का) तुरंत असर नौकरियों पर पड़ा है। हमारे देश की तीन चौथाई गैर-कृषि रोजगार छोटे और मझोले उद्यमों के क्षेत्र में हैं। नोटबंदी से इस क्षेत्र को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। इसलिए नौकरियां चली गईं और नई नौकरियां पैदा नहीं हो रही हैं।'
8 नवंबर को सरकार बनाम विपक्ष
गौरतलब है कि 8 नवंबर को नोटबंदी की पहली सालगिरह है। इस मौके पर पूरे देश में विपक्ष कालाधन दिवस मनाएगा और सरकार के इस फैसले का विरोध करेगा। तो वहीं दूसरी तरफ सरकार की ओर से भी एंटी ब्लैक मनी डे मनाने की तैयारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद रैलियों में इसका ऐलान कर चुके हैं।