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मुंबई के बाद अब सूरत में आक्रोशित हुए प्रवासी मजदूर, तनख्वाह मांगने के लिए फिर सड़कों पर जुटी भीड़
सूरत. कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से देशभर में लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है. गरीबों, जरूरतमंदों और प्रवासी मजदूरों को लॉकडाउन की वजह से खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है. कई राज्यों में मजदूर और कामगार अब आक्रोशित हो रहे हैं. गुजरात के सूरत में गुरुवार को भारी तादाद में मजदूर एक बार फिर से सड़कों पर उतर आए. पांडेसरा इलाके में मजदूर हंगामा कर रहे हैं. उन्होंने मिल मालिकों पर तनख्वाह नहीं देने का आरोप लगाया है. मजदूर अपने गांव जाने की भी मांग कर रहे हैं. पुलिस मौके पर पहुंच गई है और मजदूरों को समझाने की कोशिश कर रही है.
देश में लॉकडाउन की वजह से यूपी, बिहार और ओडिशा से आए हजारों मजदूर यहां फंसे हुए हैं. ये मजदूर यहां की फैक्टरियों में काम करते हैं. बुधवार को भी इन लोगों ने खाने-पीने की शिकायत को लेकर हंगामा किया था. कई एनजीओ की मदद से प्रशासन ने इनके लिए खाने की व्यवस्था की हुई है.
इससे पहले मंगलवार को भी सूरत के ही वारछा क्षेत्र में बहुत से प्रवासी मजदूर सोशल डिस्टेंसिंग तोड़ते हुए सड़कों पर जमा हो गए थे. उनकी मांग थी कि उन्हें उनके गृह राज्य जाने दिया जाए. बाद में प्रशासन ने समझा-बुझाकर उन्हें वापस भेजा था.
बता दें कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को 19 दिन के लिए आगे बढ़ाने का ऐलान किया था. उसके कुछ घंटों बाद मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर इकट्ठा हो गए थे. यहां वे अपने-अपने घर जाने देने की मांग कर रहे थे. कुछ मजदूरों ने खाने-पीने की शिकायत को लेकर हंगामा किया था.
पुलिस ने इसके बाद राशन से भरा एक ट्रक मंगवाया और मजदूरों में बांटा. इसके बाद भी जब मजदूर वापस जाने के लिए राजी नहीं हुए, तो आखिरकार पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी और भीड़ को तितर-बितर किया गया. पुलिस ने इस मामले में अब तक 3 एफआईआर दर्ज की है और मुख्य आरोपी विनय दुबे समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया है. विनय दुबे पर मजदूरों को भड़काने और उकसाने का आरोप है.