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गुजरात के हीरा व्यापारी ने रावण और दुर्योधन रखे अपने बेटों के नाम, जानें क्या थी वजह

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8 Oct 2019 9:28 AM GMT
गुजरात के हीरा व्यापारी ने रावण और दुर्योधन रखे अपने बेटों के नाम, जानें क्या थी वजह
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70 साल के बाबू वघानी ने अपना घर भी वास्तु के उलट बनवाया और उसे नाम दिया 'मृत्यु.'

गुजरात के हीरा व्यापारी बाबू वघानी की चर्चा उनके बिजनेस के दम पर खुद को बनाने की वजह से नहीं बल्कि अंधविश्वास को चुनौती देने की वजह से है. इसी के चलते जब बाबू वघानी पिता बने तो उन्होंने अपने पहले बेटे का नाम पौराणिक खलनायक के नाम पर रखा, रावण. लोगों को आश्चर्य हुआ लेकिन उन्हें कोई परेशानी नहीं दिखी.

दूसरे बेटे के पैदा होने पर उसका नाम महाभारत से रखा, दुर्योधन. इस तरह नाम रखने की वजह से बाबू वघानी को कोई समस्या नहीं हुई. उन्होंने अंधविश्वास को अधिक चुनौती देने के लिए अपने घर की व्यवस्था वास्तु के विपरीत की और उसका नाम 'मृत्यु' रख दिया.

वघानी ने आठवीं कक्षा तक पढ़ाई की है. उन्होंने बचपन से ही समझ लिया था कि उनके जीवन में अंधविश्वास की कोई जगह नहीं है. स्कूल छोड़ने के बाद भी धर्म और ईश्वर पर अपनी समझ बढ़ाने के लिए उन्होंने तमाम धार्मिक और दार्शनिक लेख पढ़े. वघानी ने जीसस, मूसा, महावीर, बुद्ध, शिंतो सबको पढ़ रखा है.

वघानी का कहना है कि 'लोगों को रावण का पुतला जलाने की बजाय अंधविश्वासों को जलाना चाहिए.' मूलत: भावनगर में रहने वाले वघानी 1965 में सूरत रहने आ गए थे और हीरों की पॉलिश से बिजनेस की शुरुआत की थी. वघानी के दोनों बेटे भी अपने पिता की ही तरह अंधविश्वास के विरुद्ध हैं. 40 साल के दुर्योधन कहते हैं कि मैं और मेरा भाई असामान्य नामों से जाने जाते हैं. मैंने अपना ईमेल आईडी भी दुर्योधन के नाम से बना रखा है.

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