गुजरात

रिटायर होने से एक दिन पहले बर्खास्त हुआ यह आईपीएस अधिकारी

Special Coverage News
8 Jun 2019 11:26 AM GMT
रिटायर होने से एक दिन पहले बर्खास्त हुआ यह आईपीएस अधिकारी
x

बिल्कीस बानो सामूहिक दुष्कर्म कांड में चार पुलिसकर्मी व दो डाक्टरों पर भी गिरी गाज… कहते हैं न्याय में विलम्ब अन्याय है, फिर भी देर से ही सही, 19 साल की बिल्कीस याकूब रसूल के साथ सामूहिक दुष्कर्म और 14 लोगों की हत्या के मामले में न्याय होता दिख रहा है। पहले उच्चतम न्यायालय ने बिल्कीस बानो को 50 लाख रुपए का हर्जाना और उन्हें नियमों के मुताबिक नौकरी और रहने की सुविधा देने का निर्देश गुजरात सरकार को दिया था। साथ ही 29 मार्च को बिल्कीस बानो मामले में गलत जांच करने वाले 6 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने का निर्देश देते हुये कहा था कि उन्हें सेवा में नहीं रखा जा सकता।

इसके फालोअप एक्शन में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2002 के बिल्कीस बानो मामले में दोषी करार दिए गए गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी आर एस भगोरा को उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख से एक दिन पहले 30 मई को बर्खास्त कर दिया। 60 वर्षीय अधिकारी को 31 मई को अवकाश ग्रहण करना था और वह अहमदाबाद में पुलिस उपायुक्त (यातायात) पद पर कार्यरत थे। इसके अलावा चार पुलिसकर्मियों और सरकारी हॉस्पिटल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर दम्पति अरुण प्रकाश और संगीता प्रकाश को भी सबूत नष्ट करने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है।

गुजरात गृह विभाग को भगोरा की बर्खास्तगी के संबंध में 29 मई को केंद्रीय गृह मंत्रालय से सूचना मिली थी। सरकारी रिकार्ड के अनुसार भगोरा राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी थे और उन्हें 2006 में प्रोन्नत कर आईपीएस कैडर प्रदान किया गया था। बर्खास्तगी के कारण भगोरा को वे सब लाभ नहीं मिल सकेंगे जिनके हकदार सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी होते हैं। उच्चतम न्यायालय ने इस साल मार्च में गुजरात सरकार से कहा था कि वह भगोरा सहित उन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करे जिन्होंने बिल्कीस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में कर्तव्य पालन में कोताही की थी। बंबई उच्च न्यायालय ने भगोरा को दोषी ठहराया था।बर्खास्तगी के कारण भगोरा को वे सब लाभ नहीं मिल सकेंगे जिनके हकदार सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी होते हैं।

गौरतलब है कि 2002 में दाहोद के रणधिकपुर की पीड़ित बिल्कीस बानो पर समूह ने दुष्कर्म किया था। उसके तीन बच्चों की हत्या भी कर दी गई थी। इस घटना के समय बिल्कीस बानो 5 महीने की गर्भवती थी। बिल्कीस ने गुजरात सरकार की तरफ से मिले 5 लाख रुपए के मुआवजे को ठुकराते हुए उच्चतम न्यायालय में अर्जी की थी। साथ की गुनाहगारों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की थी। अप्रैल में उच्चतम न्यायालय ने एक आदेश जारी कर गुजरात सरकार से कहा था कि बिल्कीस को 50 लाख का मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए। इसके अलावा इस मामले में बाम्बे हाईकोर्ट ने कसूरवार पुलिस और डॉक्टर को सरकारी नौकरी से अलग करने और दो सप्ताह में उचित निर्णय लेने का आदेश भी दिया था।

इसके पहले सीबीआई की विशेष अदालत ने भगोरा और अन्य चार पुलिसकर्मियों तथा डॉक्टर दम्पति को निर्दोष छोड़ दिया था। परंतु सीबीआई ने इस फैसले को मुम्बई हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। तब हाईकोर्ट ने इन्हें अपराधी माना। हाल ही में बिल्कीस ने उच्चतम न्यायालय में अर्जी दी थी जिसपर कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा था कि जिस पुलिस अधिकारी की सजा हो चुकी हो, वह ड्यूटी पर कैसे काम कर सकता है। इसका पालन करते हुए राज्य सरकार ने ट्राफिक शाखा में तैनात आईपीएस भगोरा को सेवानिवृत्ति के एक दिन पहले बर्खास्त कर दिया। इसके चार महीने पहले ही सरकार ने हेड कांस्टेबल नरपत पटेल को बर्खास्त किया था। दूसरी ओर सेवानिवृत्त इंसपेक्टर बी.आर.पटेल और आई.ए.सैयद को मिलने वाली पेंशन को रोकने का आदेश दिया है।

इसके पहले बिलकिस बानो रेप केस मामले में आईपीएस आरएस भगोरा की जल्द सुनवाई वाली याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने इनकार कर दिया था । इस याचिका में भगोरा ने बंबई हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की अपील की थी।कोर्ट ने कहा था कि पहले ही भगोरा जेल से रिहा हो चुका है, क्योंकि वह सजा काट चुका है, इसलिए मामले में कोई जल्दबाजी नहीं है। इसलिए हाईकोर्ट के दोषी करार देने के फैसले पर रोक नहीं लगाएंगे। भगोरा को ट्रायल कोर्ट ने बरी कर दिया था, लेकिन हाईकोर्ट ने उसे दोषी करार दिया था, हालांकि कोर्ट ने जितनी सजा काटी, उसे काफी बताया था और 15 हजार का जुर्माना किया था। भगोरा ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी।

4 मई 2017 को बिलकिस बानो रेप और मर्डर केस में बॉम्बे हाई कोर्ट ने 11 दोषियों की अपील खारिज कर दिया था । कोर्ट ने इन दोषियों की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी थी हालांकि, कोर्ट ने सीबीआइ की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कुछ दोषियों को मौत की सजा देने की मांग की गई थी। कोर्ट ने भगोरा समेत छह लोगों को बरी किए जाने के फैसले को भी पलट दिया। इनमें डॉक्टर और पुलिसवाले शामिल हैं। इन पर सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप है। इसके पहले स्पेशल कोर्ट ने 21 जनवरी 2008 को बिलकिस बानो का रेप करने और उनके परिवार के सात लोगों की हत्या करने वाले 11 लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। मामले में पुलिसकर्मियों और डॉक्टरों समेत सात लोगों को छोड़ दिया गया था।

साभार

Tags
Special Coverage News

Special Coverage News

    Next Story