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गुजरात के मोरबी में 30 अक्टूबर को हुए ब्रिज हादसे के पांच दिन के बाद ही रेस्क्यू ऑपरेशन बंद कर दिया गया था लेकिन हादसे के १५ दिन के बाद अब वहां के क्या हालात है, ये जानना बेहद जरूरी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ब्रिज गिरने से 135 लोगों की मौत हुई थी। भारतीय तटरक्षक बल, भारतीय नौसेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था। वहीं, इस बीच मोरबी पुल हादसे पर गुजरात हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस दौरान कोर्ट ने गुजरात सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि होशियारी मत दिखाइए, बस सवालों के जवाब दीजिए।
हाईकोर्ट ने पूछे गंभीर सवाल
दरअसल, मोरबी पुल हादसे के बाद अब तक सरकार की तरफ से कोई ठोक कार्रवाई नहीं हुई है। इस बीच सुनवाई के दौरान गुजरात के मोरबी पुल हादसे पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने पुल की मरम्मत के लिए ठेका देने के तरीकों पर भी सवाल खड़े किए हैं। इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को तलब कर पूछा है कि इतने महत्वपूर्ण कार्य के लिए टेंडर क्यों नहीं आमंत्रित किए गए थे? कैसे इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए समझौता मात्र डेढ़ पेज में कैसे पूरा हो गया?
सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका मंजूर
मोरबी हादसे में १३५ लोगों की मौत हो गई लेकिन कार्रवाई के नाम पर गुजरात सरकार एक्टिव नजर नहीं आ रही है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट में मोरबी हादसे को लेकर याचिका लगाई गई जो मंजूर हो चुकी है। इस याचिका में न्यायिक आयोग के गठन करने की मांग की गई है। उधर, मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने जनहित याचिका दायर करने वाले वकील विशाल तिवारी की इस दलील पर गौर किया कि मामले की तत्काल सुनवाई की जरूरत है। बेंच ने पूछा, हमें कागजात देर से मिले। हम इसे सूचीबद्ध करेंगे।