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गुजरात दूसरे नंबर पर फिर भी टेस्ट की संख्या में कमी क्यों ?
कोविड-19 मामले में गुजरात दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। गुजरात में कोविड-19 के मरीज़ों की संख्या 2815 हो गई है। दिल्ली तीसरे नंबर पर है। 2514। गुजरात में मरने वालों की संख्या 127 हो गई है।
गुजरात में इस बात को लेकर राजनीतिक विवाद चल रहा है कि क्या राज्य सरकार ने टेस्ट की संख्या कम कर दी है। कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा है कि रोज़ 3000 टेस्ट हो रहे थे, उसे घटा कर 2000 करने की क्या वजह है?
अहमदाबाद मिरर ने लिखा है कि 15 अप्रैल को गुजरात में 2354 सैंपल टेस्ट हुए थे। 20 अप्रैल को 4212 सैंपल टेस्ट हुए। लेकिन शुक्रवार यानि 24 अप्रैल को मात्र 1438 टेस्ट हुए हैं। जहां राज्य टेस्ट किए जाने वाले सैंपल की संख्या बढ़ा रहे हैं, गुजरात में घट रहा है। अभी तक गुजरात ने 43, 822 सैंपल टेस्ट किए हैं। करीब 7 करोड़ आबादी है और यह राज्य कोविड-19 के मामले में दूसरे नंबर है.
बैंकों के आगे कई दिनों से भीड़ जमा है। तालाबंदी की धज्जियां उड़ रही थीं। किसी ने ध्यान नहीं दिया। अहमदाबाद में बैंक आफ बड़ौदा के 5 बैंकरों को कोविड-19 हुआ है। गुजरात में 70 फ्रंटलाइन योद्धा संक्रमित हुए हैं। 18 डाक्टरों को संक्रमण हुआ है।
अहमदाबाद के निगम आयुक्त विजय नेहरा ने कहा है कि जिस रफ्तार से यहां केस डबल हो रहे हैं, अघर वही रफ़्तार रही तो मई के अंत तक 8 लाख मामले हो जाएंगे। 28 अप्रैल तक अहमदाबाद में तीन दिनों के भीतर कोविड-19 की संख्या डबल हो जा रही थी। इसलिए प्रयास करने होंगे कि अहमदाबाद में 8 दिनों में डबल हो। यानि रफ्तार धीमी करनी होगी। अभी तक इस तरह के जितने भी अनुमान भारत के बारे में किए गए हैं वो सही साबित नहीं हुए हैं। बेशक भारत में कम टेस्टिंग हो रही है लेकिन फिर भी संख्या 30,000 भी नहीं पहुंची है।
भारत में कोरोना के पोज़िटिव मरीज़ों की संख्या 24,506 हो गई है। 775 की मौत हुई है और 5063 लोग ठीक हो गए हैं। 24 घंटे में 57 लोगों की कोविड-19 से मौत हुई है। यह अब तक अधिकतम है। 1429 नए मामले सामने आए हैं। पिछले 14 दिनों में 80 ज़िलों में कोई नए मामले सामने नहीं आए हैं।
भारत में कोविड-19 के मरीज़ों की संख्या 10 दिन में दोगुनी हो रही है। पहले 7.5 दिनों में हुआ करती थी।
मुंबई के मामले में यह औसत अलग कहानी कहता है। वहां पहले 6 दिन में 1000 से 2000 हुआ फिर 4 दिन में 2000 से 3000 और अब 3 दिन में 3000 से 4000 हो गया । मुंबई भारत की आर्थिक राजधानी है।
दुनिया भर में कोविड-19 से मरने वाले लोगों की संख्या 1 लाख 90 हज़ार से अधिक हो गई है। अमरीका में मरने वालों की संख्या 50,000 से पार हो चुकी है।
रवीश कुमार
रविश कुमार :पांच दिसम्बर 1974 को जन्में एक भारतीय टीवी एंकर,लेखक और पत्रकार है.जो भारतीय राजनीति और समाज से संबंधित विषयों को व्याप्ति किया है। उन्होंने एनडीटीवी इंडिया पर वरिष्ठ कार्यकारी संपादक है, हिंदी समाचार चैनल एनडीटीवी समाचार नेटवर्क और होस्ट्स के चैनल के प्रमुख कार्य दिवस सहित कार्यक्रमों की एक संख्या के प्राइम टाइम शो,हम लोग और रविश की रिपोर्ट को देखते है. २०१४ लोकसभा चुनाव के दौरान, उन्होंने राय और उप-शहरी और ग्रामीण जीवन के पहलुओं जो टेलीविजन-आधारित नेटवर्क खबर में ज्यादा ध्यान प्राप्त नहीं करते हैं पर प्रकाश डाला जमीन पर लोगों की जरूरतों के बारे में कई उत्तर भारतीय राज्यों में व्यापक क्षेत्र साक्षात्कार किया था।वह बिहार के पूर्व चंपारन जिले के मोतीहारी में हुआ। वह लोयोला हाई स्कूल, पटना, पर अध्ययन किया और पर बाद में उन्होंने अपने उच्च अध्ययन के लिए करने के लिए दिल्ली ले जाया गया। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक उपाधि प्राप्त की और भारतीय जन संचार संस्थान से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया।