Archived
रेयान स्कूल में कंडक्टर जो बेगुनाह फंसाने वाले दरोगा के इस कारनामे से उड़े होश, बीजेपी सरकार इस तरह करती है दलितों से सलूक !
शिव कुमार मिश्र
22 March 2018 2:47 PM IST
x
रेयान स्कूल मामले में सीबीआई जांच झेल रही गुड़गांव पुलिस का घिनौना चेहरा एक बार फिर से बेनकाब हुआ है. गुडगांव में तैनात दलित एसपीओ विनोद कुमार की मौत और उनके द्वारा लिखे एक पत्र ने न केवल सनसनी फैला दी है, बल्कि हरियाणा पुलिस में फैले जातीय भेदभाव को भी उजागर किया है.
दलित एसपीओ विनोद कुमार ने 9 मार्च 2018 को हरियाणा डीजीपी बीएस संधू और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पत्र लिखकर बताया था कि गुरुग्राम का एसएचओ नरेंद्र खटाना उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था. एसएचओ खटाना और उसके दर्जन भर मातहत जातीय आधार पर उसे प्रताड़ित कर रहे थे. डीजीपी को लिखे पत्र में विनोद कुमार ने बताया था कि SHO नरेंद्र खटाना और दूसरे पुलिस कर्मचारी उसे नीचा दिखाने के लिए कहते थे कि जातीय आधार पर वह सब उसके बॉस हैं. उन्होंने लिखा, 'वह मेरे बिस्तर पर पेशाब करते थे. मेरे सामान में गैरकानूनी शराब छिपाकर मुझे परेशान करते थे. उन्होंने आगे लिखा है, 'उन्हें मुझे परेशान करने में बहुत मजा आता था. इसके चलते मैं और मेरा परिवार तनावग्रस्त था. यदि यह अत्याचार जारी रहा तो मुझे आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. इसके लिए यह सभी पुलिसवाले जिम्मेवार होंगे.' विनोद ने खटाना के अलावा 11 लोगों को जिम्मेदार ठहराया है.
इनमें ASI गजराज खटाना, ASI बनी सिंह और हेड हेड कांस्टेबल कृष्ण, कप्तान सिंह, कमांडो संदीप, कांस्टेबल संदीप और यहां तक की SHO का ड्राइवर और दो एसपीओ जोगेंद्र और जगबीर के नाम शामिल हैं. नरेंद खटाना वही थानेदार है, जिसने रेयान स्कूल मामले में बस कंडक्टर को आरोपी बना कर फंसाया था.
मानसिक रूप से परेशान विनोद कुमार छुट्टी पर अपने गांव चले गए थे. इसके बाद अचानक बीमार हो गए. इनको हिसार के मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था, जहां सोमवार को उनकी मौत हो गई. विनोद कुमार के पत्र को हल्के में लेने वाले हरियाणा पुलिस के आला अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.विनोद ने मरने से पहले दर्जनभर पुलिसकर्मियों और अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए. उनको न मुख्यमंत्री मनोहर लाल से कोई न्याय मिला और न ही डीजीपी बीएस संधू से. पुलिस ने अब लीपापोती करने के लिए जांच बैठा दी है. मनोहर लाल सरकार पहले से ही महिलाओं और दलितों पर बढ़ रहे अत्याचार को लेकर कटघरे में है.
Next Story