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क्या राम रहीम को पैरोल पर जेल से बाहर नहीं आने देगा जागरुक मीडिया?
एसपी मित्तल
मीडिया खासकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में लाख बुराइयां हो लेकिन कई मौकों पर समाज में प्रभावी भूमिका निभाता है। मीडिया की जागरुकता से ही हरियाणा की सुनारिया जेल में हत्या और बलात्कार के आरोप में उम्र कैद की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख बाबा रामरहीम अब जेल से बाहर नहीं आ पाएगा।
पिछले दो दिन से न्यूज चैनलों ने बाबा के पैरोल को मुद्दा बना रखा है। बाबा ने खेती का कार्य करने के लिए ४२ दिन का पैरोल मांगा है। बाबा के इस आवेदन पर सुनारिया जेल प्रशासन ने कहा है कि जेल में बाबा का आचरण अच्छा है और यदि पैरोल दी जाती है तो जेल प्रशासन को कोई एतराज नहीं है। वहीं जेल मंत्री कृष्णलाल पंवार ने कहा है कि पैरोल की मांग जेल नियमों के तहत कोई भी कैदी कर सकता है। बाबा की पैरोल का समर्थन हरियाणा के वरिष्ठ मंत्री अनिल बिज ने भी किया है।
ऐसा प्रतीत होता है कि हरियाणा सरकार अब बाबा को ४२ दिन के पैरोल पर छोड़ देगी। ये वो ही राम रहीम है जब उन्हें सजा हुई तो जेल जाने से पहले पंचकुला में हिंसक वारदात हुई, जिसमें कई व्यक्ति मारे गए। ऐसे में सवाल उठता है कि बाबा जब ४२ दिन के पैरोल के बाद फिर से जेल जाएंगे तो उनके समर्थक कितना हंगामा करेंगे? इन सब सवालों को लेकर ही न्यूज चैनलों ने हरियाणा की भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया गया है।
सवाल उठाया जा रहा है कि हरियाणा में अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बाबा को कृषि कार्य के लिए पैरोल पर छोड़ा जा रहा है? चौरतफा आलोचनाओं के बाद अब ऐसा लग रहा है कि हरियाणा सरकार अपनी मंशा पर फिर से विचार करेगी और बाबा राम रहीम जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। यदि बाबा को पैरोल नहीं मिलता है तो इसका श्रेय पूरी तरह मीडिया खासकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को होगा। सही भी है कि जो व्यक्ति हत्या और बलात्कार के आरोप में उम्र कैद की सजा काट रहा हो उसे किस स्थिति में पैरोल पर छोड़ा जा रहा है।