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उलझी मर्डर मिस्ट्री: 30 एमजी अल्कोहल से नहीं हो सकती विक्रम लांबा की मौत तो बीके हस्पताल की डॉक्टर ने कैसे लिखा!

उलझी मर्डर मिस्ट्री: 30 एमजी अल्कोहल से नहीं हो सकती विक्रम लांबा की मौत तो बीके हस्पताल की डॉक्टर ने कैसे लिखा!
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हरियाणा के फरीदाबाद के गाँव के निवासी विक्रम लाम्बा का शव 16 नवंबर की सुबह उसी की गाड़ी में बल्लबगढ़ के गाँव सोतई के पास मिला। गाड़ी सड़क के बीचों बीच खड़ी मिली थी। इस घटना का आज तक पुलिस खुलासा नहीं कर सकी जबकि पूरा मामला खुला पड़ा है.। कौन थे वो लोग जिन्होंने उन्हें आधी रात कॉल करके बुलाया था। लेकिन अगर हत्यारे राजनैतिक पहुँच वाले हों तो उसका उपर वाला भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। हत्या कब रहस्यमय हत्या में तब्दील हो जाय कहा नहीं जा सकता है।
क्या था मामला:-
फरीदाबाद के गाँव मुजेसर निवासी विक्रम लाम्बा का अपना टैक्सी का काम था। साल 2017 में 14 नवंबर की रात को करीब 1:30 बजे विक्रम लाम्बा के पास कॉल आती है कि टैक्सी लेकर आ जाओ बुकिंग है। विक्रम कपड़े और अपनी स्कोरपियो गाड़ी लेकर घर से रात को ही निकल जाता है। 16 नवंबर की सुबह विक्रम का शव उसी की गाड़ी में बल्लबगढ़ के गाँव सोतई के पास मिली गाड़ी सड़क के बीचों बीच खड़ी मिली थी। छानबीन से पता चला था की चार लड़कों ने विक्रम की दम घोटकर हत्या की थी। जिनमें से एक उसी समय गिरफ्तार कर लिया था बाकी 3 अभी भी फरार हैं।



अब बात आती है पोस्टमार्टम रिपोर्ट की तो विक्रम के परिजन बता रहे हैं कि विक्रम की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 23 मिलीग्राम अल्कोहल की मात्रा पाई गई थी। जबकि फरीदाबाद के सरकारी हस्पताल बादशाह खान की MO बिशनबती चौहान की रिपोर्ट के अनुसार खून में 23 मिलीग्राम अल्कोहल की मात्रा पाई गई जिसकी वजह से ह्रदय गति रुक गयी और विक्रम की मौत हो गयी, जबकि चिकित्सीय राय है कि इतनी कम मात्रा में शराब का सेवन करने से किसी की मौत नहीं हो सकती। यह राय भी बीके हस्पताल के डॉक्टर्स ने ही लिखित रूप में दी है। और जब ह्रदय की जाँच होने के लिए सैंपल गुरुग्राम के भौंडसी गए और वहाँ ह्रदय की सभी एंगल्स से जाँच की गई तो उसमें ह्रदय बिल्कुल सही पाया गया उसमें कोई दिक्कत नहीं हुई, औऱ दूसरी ह्रदय की रिपोर्ट पीजीआई रोहतक से आई जिसमें दिल को बिल्कुल सही बताया गया और डॉक्टर्स ने लिखित रूप से दिया कि ह्रदय गति नहीं रुकी थी,ह्रदय बिल्कुल सही था, ह्रदय को कोई नुकसान नहीं था फिर अब सवाल यहाँ पर ये उठता है कि फिर बीके अस्पताल की MO बिशनबती चौहान ने शराब को कारण मानकर ह्रदय गति रुकने की वजह से मौत हो जाना कैसे बता दिया उन्होंने ये मौत की वजह कैसे लिख डाली । जबकि दूसरी ह्रदय की रिपोर्ट्स में साफ साफ लिखा है कि ह्रदय बिल्कुल सही था।




विक्रम के परिजन बीके अस्पताल की डॉक्टर पर लगा रहे हैं मिलीभगत के आरोप।

विक्रम लाम्बा के पुत्र सुनील लाम्बा का कहना है कि इस हत्याकांड में हत्यारोपियों और बीके हस्पताल की डॉक्टर बिशनबती चौहान के बीच मिलीभगत है। आरोपियों ने पुलिस प्रशासन से भी सांठगांठ की हुई है। क्योंकि डॉक्टर बिशनबती चौहान की पहली रिपोर्ट में खून में शराब की मात्रा 23 मिलीग्राम होने की वजह से ह्रदय गति रुक गयी, फिर अब ये ही डॉक्टर साहिबा दूसरी रिपोर्ट में कह रही हैं कि ह्रदय गति रुकी है शराब का सेवन नहीं हुआ है आखिर डॉक्टर छुपा क्या रहीं हैं। विक्रम के परिजनों ने बताया कि उन्होंने इस मामले में एम्स दिल्ली के डॉक्टरों से भी राय की जिनका कहना था कि विक्रम की ह्रदय गति रुकने से मौत नहीं हुई है उनका ह्रदय बिल्कुल सही था। दरअसल जाँच रिपोर्ट ही यह साबित कर रही है कि दिल बिल्कुल सही था। परिजनों का कहना है कि डॉक्टर ओरिजनल रिपोर्ट नहीं बना रही है जो कि हमारे पिता की दम घोटकर हत्या की गई है। वो आरोपियों को बचा रही है। क्योंकि आरोपियों में और डॉक्टर के बीच पारिवारिक रिस्ते हैं। इस वजह से डॉक्टर मिलीभगत में लिप्त है और आरोपियों को बचा रही है।



जबकि विक्रम के परिजन सीएम विंडो से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक शिकायत कर चुके हैं फिर भी आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं और पीड़ित परिवार को अंजाम भुगतने व जान से मारने की लगातार धमकी दे रहे हैं। परिजन अब सरकार से न्याय कि गुहार लगा रहे हैं कि उनको न्याय मिले और हत्यारोपी और डॉक्टर झूटी रिपोर्ट बनाने के मामले में जेल जाये।





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