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चंडीगढ़: दिल्ली के शालीमार में स्थित मैक्स हॉस्पिटल का लाइसेंस बीते दिन दिल्ली सरकार ने रद्द ही किया है। वही दूसरी तरफ गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में सात वर्षीय आद्या सिंह की मौत के मामले में सरकार की जांच रिपोर्ट आने के बाद हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने अस्पताल की जमीन की लीज रद्द करने का आदेश दिया है। फोर्टिस अस्पताल के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए उसे तुरंत प्रभाव से राज्य सरकार के पैनल से हटाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा अस्पताल के ब्लड बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। अस्पताल के खिलाफ आपराधिक लापरवाही के लिए FIR दर्ज कराई जाएगी।
बता दें कि आद्या सिंह का लगभग 2 हफ्ते तक फोर्टिस अस्पताल में इलाज हुआ था अस्पताल प्रशासन ने इस इलाज के लिए 16 लाख रुपए का बिल दिया था। सोशल मीडिया में इस खबर पर काफी हंगामा मचने के बाद हरियाणा सरकार ने जांच के आदेश दिए थे। लेकिन डॉक्टर उसे बचा नहीं सके। आद्या सिंह के पिता जयंत सिंह को जब बेटी की बुखार के बारे में पता चला तो उसे 28 अगस्त को द्वारका के रॉकलैंड अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस अस्पताल में आद्या का इलाज किया गया, लेकिन दो दिन बाद उसे गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में रेफर कर दिया गया था। इस हॉस्पिटल में आद्या को आईसीयू में रखा गया, उसे इनक्यूबेटर पर रखा गया लेकिन 15 दिनों के बाद उसकी मौत हो गई।
आद्या के पिता का कहना है कि अस्पताल के खिलाफ गुरुग्राम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। सुशांत लोक पुलिस स्टेशन के एसएचओ गौरव फोगट का कहना है कि उन्हें शिकायत मिल गई है, वे एफआईआर दर्ज करने से पहले प्राथमिक जांच करेंगे। शिकायत में जयतं सिंह ने अस्पताल को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया है।अस्पताल ने उनकी बेटी के इलाज में आपराधिक लापरवाही की है। इसके अलावा जयंत सिंह ने अस्पताल पर जालसाजी, धोखाधड़ी और बेइमानी का भी आरोप लगाया है।
जयंत सिंह का आरोप है कि वह अस्पताल को MRI और सीटी स्कैन करने को कह रहे थे लेकिन अस्पताल उन्हें दवाइयां दे रहा था। 14 सितंबर को जब MRI की गई तो डॉक्टरों ने कहा कि बच्ची का 80 फीसदी ब्रेन डैमेज हो चुका है और उसे अब बॉडी प्लाजमा ट्रांसप्लांट की जरूरत है, जिसमें 16 लाख रुपए लगेंगे। सात साल की आद्या की उसी दिन मौत हो गई थी। अस्पताल ने इलाज के लिए 15,79,322 रुपए का बिल दिया था।