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तलवार दंपत्ति के बाद अब प्रद्युम्न मर्डर केस के आरोपी छात्र का केस लड़ेगें वकील
आनंद शुक्ल
25 Nov 2017 6:00 PM IST
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8 सितंबर को स्कूल परिसर के अंदर गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। गुरुग्राम पुलिस ने शुरुआत में स्कूल के ही एक बस कंडक्टर अशोक कुमार को हत्या का मुख्य आरोपी ठहराया था।
गुरुग्राम: आरुषी मर्डर केस में बरी हुए तलवार दंपति के वकील तनवीर अहमद मीर प्रद्युम्न मर्डर केस के आरोपी नाबालिग छात्र का केस लड़ेंगे। इस बार की पुष्टि खुद तनवीर अहमद मीर ने की है। शुक्रवार को स्टूडेंट के परिजनों ने वकील तनवीर अहमद से बात की थी। इसके बाद यह केस लेने की बात चली। आरोपी स्टूडेंट के पिता का मानना है कि तनवीर अहमद उन्हें न्याय दिलवा सकते हैं।
वहीं वकील का कहना है कि उन्होंने आरोपी नाबालिग के परिवार वालों से शुरुआती बातचीत की है। उन्होंने बताया कि आरोपी किशोर के पिता ने अपने एक मित्र के जरिए उनसे संपर्क किया। उल्लेखनीय है कि किशोर के पिता खुद भी वकील हैं और गुड़गांव कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं। तनवीर अहमद ने कहा कि इस मामले में क्या होगा, अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि CBI को अभी उचित अदालत में अपना केस रखना है। हालांकि CBI के सूत्रों का कहना है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आरोपी का वकील कौन है। CBI के एक सूत्र ने कहा कि किसी भी वकील की सेवाएं हासिल करना आरोपी का अधिकार है। उन्हें अपनी जांच पर पूरा भरोसा है।
गलती कर रही CBI
तनवीर अहमद ने यह भी कहा कि ऐसा लग रहा है कि CBI इस बार भी आरुषी केस में की गई गलती ही दोहरा रही है। उन्होंने कहा, "किसी को जमानत मिलने का यह मतलब नहीं है कि उसे दोषमुक्त कर दिया गया और किसी को गिरफ्तार करने का यह मतलब नहीं है कि वह दोषी ही है। गुरुग्राम पुलिस की जांच पर मैं कुछ नहीं कहना चाहता. CBI ने इस मामले में पहले एक थ्योरी गढ़ी, फिर दी गई थ्योरी को सही साबित करने के लिए सबूतों को तोड़-मरोड़ रही है।"
ये था पूरा मामला
दिल्ली से सटे गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले सात वर्षीय प्रद्युम्न ठाकुर की इसी वर्ष 8 सितंबर को स्कूल परिसर के अंदर गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। गुरुग्राम पुलिस ने शुरुआत में स्कूल के ही एक बस कंडक्टर अशोक कुमार को हत्या का मुख्य आरोपी ठहराया था। लेकिन CBI के जांच हाथ में लेते ही मामले में नया मोड़ आ गया।
CBI ने मामले में नया खुलासा करते हुए रेयान स्कूल में ही 11वीं के एक छात्र को मुख्य हत्यारोपी बनाया है। आरोपी बस कंडक्टर को 21 नवंबर को कोर्ट ने जमानत दे दी और पूरे 76 दिन हिरासत में रहने के बाद अशोक जमानत पर रिहा हो घर लौट आया। अशोक ने गुरुग्राम पुलिस पर जबरन जुर्म कुबूल करवाने का आरोप भी लगाया है और कहा है कि ऐसा करने के लिए उसे टॉर्चर किया गया।
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