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प्रद्युम्न मर्डर केस: कोर्ट से नही मिली बस कंडक्टर को राहत, 20 नवबंर को अगली सुनवाई

आनंद शुक्ल
16 Nov 2017 5:31 PM IST
प्रद्युम्न मर्डर केस: कोर्ट से नही मिली बस कंडक्टर को राहत, 20 नवबंर को अगली सुनवाई
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8 सितंबर को गुड़गांव के भोंडसी स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल में दूसरी क्लास के बच्चे प्रद्युम्न ठाकुर का गला रेतकर मर्डर कर दिया गया था। इस मामले में गुड़गांव पुलिस की जांच में स्कूल बस के कंडक्टर अशोक को आरोपी माना गया है।

गुरूग्राम: गुरुग्राम के रेयान स्कूल में हुए मर्डर केस की जांच कर रही सीबीआई ने आज पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए बस कंडक्टर अशोक कुमार को क्लिन चिट नहीं दिया। सीबीआई का कहना है कि अभी इस केस से जुड़े कई रिपोर्ट आने हैं। जांच पूरी होने के बाद ही इस सीबीआई इस पर कोई फैसला लेगी। इसलिए सीबीआई ने अशोक की जमानत का विरोध किया।

जानकारी के मुताबिक, यदि 90 दिनों तक सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल नहीं किया, तो आरोपी जमानत के लिए अदालत के पास जा सकता है। ऐसे में अदालत उसे जमानत पर रिहा कर सकती है। दरअसल अशोक कुमार के वकील ने कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी। इस मामले पर आज कोर्ट में सुनवाई हुई है।
ये है पूरा मामला
बताते चलें कि बीते 8 सितंबर को गुड़गांव के भोंडसी स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल में दूसरी क्लास के बच्चे प्रद्युम्न ठाकुर का गला रेतकर मर्डर कर दिया गया था। इस मामले में गुड़गांव पुलिस की जांच में स्कूल बस के कंडक्टर अशोक को आरोपी माना गया है तो दूसरी ओर सीबीआई ने इस मामले में 11वीं क्लास के एक स्टूडेंट को अरेस्ट कर कोर्ट में पेश किया तो वहां से उसे 22 नवंबर तक बाल सुधार गृह भेज दिया गया। इस मामले में गिरफ्तार बस कंडक्टर अशोक की बेल के लिए गुरुवार को कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें बेल के लिए बचाव पक्ष ने 3 ग्राउंड पर अपनी दलील रखी।
11 नवंबर को कोर्ट ने सीबीआई को दिया था नोटिस
अशोक की बेल पिटीशन दायर होने के बाद कोर्ट की तरफ से सीबीआई को 11 नवंबर को नोटिस जारी किया गया था। ऐसा कहा जा रहा है कि सीबीआई अब अशोक की बेल पिटीशन का विरोध नहीं करेगी। बताया जा रहा है कि प्रद्युम्न मर्डर केस में सीबीआई को सही दिशा दिखाने वाला भी अशोक ही है। उसने सीबीआई को वे सब बातें बताईं, जिस कारण उसे जुर्म न करने के बावजूद जुर्म कबूल करना पड़ा। पुलिस ने जिस तरह अशोक को थर्ड डिग्री दी, वह सबकुछ उसने जांच एजेंसी के सामने बयां किया है। बचाव पक्ष के एडवोकेट मोहित वर्मा ने बताया- "सीबीआई इस केस में ज्यादातर सच सामने ला चुकी है। अशोक को जिन ऑफिसर्स ने जिनके कहने पर फंसाया, वह भी सीबीआई पता लगा चुकी है।"
डीसीपी पर गिरी गाज
प्रद्युम्न मर्डर की जांच में शामिल रहे डीसीपी सिमरदीप सिंह के मंगलवार को ट्रांसफर के आदेश दिए गए। हालांकि इन आदेशों में 15 आईपीएस, तीन एचपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर भी किए गए हैं पर डीसीपी सिमरदीप सिंह के ट्रांसफर की काफी चर्चा है। सीबीआई को जांच सौंपने के साथ ही भोंडसी थाना इन्चार्ज नरेंद्र का ट्रांसफर कर दिया गया था। वहीं, अब डीसीपी सिंह का तबादला भी इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है।

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