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संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री के द्वारा एक हिंसक अधिकारी के बचाव पर गहरी शोक और आपत्ति व्यक्त की ..
करनाल, हरियाणा : 28 अगस्त को करनाल जिले में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के विरोध में क्रूर लाठीचार्ज के दौरान गंभीर रूप से घायल होने के बाद कल सुशील काजल ने दम तोड़ दिया। किसान आंदोलन के शहीद सुशील काजल को एसकेएम भावभीनी श्रद्धांजलि देता है। एसकेएम यह फिर दोहराता है कि राज्य सरकार एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करे, साथ ही उन्हें और शनिवार को शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर की गई अस्वीकार्य हिंसा में शामिल अन्य सभी अधिकारियों को बर्खास्त करे।
एसकेएम ने हरियाणा के सीएम मनोहरलाल खट्टर द्वारा इस हत्यारे अधिकारी के बचाव पर गहरी शोक और आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा है कि जब सत्यपाल मलिक जैसे भाजपा के मेघालय के राज्यपाल तक दोषी अधिकारी को तत्काल बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा है कि अगर खट्टर सरकार अधिकारी को तुरंत बर्खास्त नहीं करती है और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं करती है, तो यह माना जा सकता है कि अधिकारी कहीं और से निर्देश पर काम कर रहा था। एसकेएम ने कहा, "यह पूरी तरह से चौंकाने वाला वक्तव्य है । राज्य के मुख्यमंत्री केवल शब्दों के गलत चयन के पीछे बर्बर और अवैध निर्देशों को छुपाने की कोशिश कर रहे हैं। यह एक बार फिर स्पष्ट रूप से दोहराता है जो हम हमेशा के कह रहे थें, कि खट्टर-चौटाला सरकार अपने ही लोगों के खिलाफ युद्ध में है। इसके अलावा, सीएम का यह कहना कि किसानों का हरियाणा सरकार से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि वे मुख्य रूप से 3 केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं, वास्तव में सच है, सिवाय इस तथ्य के कि हरियाणा में भाजपा की सरकार केंद्र में मोदी सरकार के लिए कठपुतली के रूप में कार्य करती है, और शुरू से ही विरोध करने वाले किसानों के खिलाफ क्रूर रही है। यह देखते हुए कि भाजपा सरकारें जनविरोधी व्यवहार कर रही हैं, एसकेएम ने सभी विरोध करने वाले किसानों को भाजपा और सहयोगी दलों के नेताओं के बहिष्कार और काले झन्डे से विरोध करने का आह्वान किया है । यह कार्यक्रम् विभिन्न राज्यों में भी जारी रहेगा"।
घरौंदा अनाज मंडी में आयोजित एक किसान पंचायत ने आज हरियाणा सरकार को अल्टीमेटम जारी किया। हरियाणा के किसान संगठनों ने भाजपा-जजपा सरकार को एसडीएम आयुष सिन्हा पर हत्या का मामला दर्ज करके और उन्हें तुरंत बर्खास्त करके उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए 6 सितंबर की समय सीमा दी।
एसकेएम ने प्रशासन की कार्रवाई को शर्मनाक बताया जिसमें उन्होंने विरोध करने वाले 100 किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं। एसकेएम ने हरियाणा सरकार से ऐसे सभी मामलों को तत्काल और बिना शर्त वापस लेने की मांग की है।
इस बीच कल उत्तराखंड में संयुक्त किसान मोर्चा की राज्य स्तरीय समन्वय समिति का गठन किया गया। एस के एम की राज्य इकाई बनाने के लिए राज्य के अनेक किसान संगठनों ने हाथ मिलाया। उल्लेखनीय है कि एसकेएम के हाल ही में संपन्न हुए राष्ट्रीय सम्मेलन में पूरे देश में एसकेएम की राज्य और जिला स्तरीय इकाइयों के गठन की योजना बनाई गई थी।
यमुनानगर में कल भाजपा को किसानों के आक्रोश के डर से दो कार्यक्रम रद्द करने पड़े। हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर, एक विधायक और यमुनानगर के मेयर, और भाजपा नेता सोनाली फोगट, सांसद रतनलाल कटारिया का एक कार्यक्रम पार्टी द्वारा रद्द कर दिया गया, जब इन आयोजनों के विरोध में बड़ी संख्या में किसान इकट्ठा होने लगे।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 5 सितंबर को होने वाली किसान महापंचायत के लिए विभिन्न राज्यों और जिलों में लामबंदी जारी है। एसकेएम इस महापंचायत में लाखों किसान के भाग लेने की उम्मीद करता है, जिससे मिशन यूपी की भाजपा मोदी सरकार की किसान-विरोधी और कॉर्पोरेट-समर्थक नीतियों और कानूनों को उजागर करने की योजना बनेगी।
आज दक्षिण हरियाणा के अंतर्गत आने वाले मेवात क्षेत्र में, नूंह में, एक किसान महापंचायत का आयोजन हुआ जिसमें कई एसकेएम नेताओं ने भाग लिया। क्षेत्र के किसानों से किसान आंदोलन को मजबूत बनाने और 25 सितंबर को भारत बंद को सफल बनाने का आह्वान किया गया।
कल, दिल्ली में कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में "संविधान बचाओ, देश बचाओ अभियान" के एक राष्ट्रीय सम्मेलन में किसान आंदोलन और 25 सितंबर के भारत बंद के आह्वान का अपना समर्थन घोषित किया गया।
*जारीकर्ता* -
बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, शिवकुमार शर्मा (कक्का जी), युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव
*संयुक्त किसान मोर्चा*
ईमेल: [email protected]