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"आधार" के बिना मर गयी शहीद की विधवा ,अस्पताल ने नहीं किया भर्ती

Alok Mishra
30 Dec 2017 12:36 PM IST
आधार के बिना मर गयी शहीद की विधवा ,अस्पताल ने नहीं किया भर्ती
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सोनीपत में एक निजी अस्पताल प्रबंधन आधार कार्ड जमा करवाने पर ही अड़ा रहा। वहीं, कारगिल शहीद लक्ष्मण दास की विधवा शकुंतला ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। अस्पताल प्रबंधन का कहना था कि वह ऑरिजनल आधार कार्ड देने पर ही मरीज को भर्ती करेगा।
हरियाणा : हरियाणा के सोनीपत जिले में कारगिल शहीद लक्ष्मण दास की विधवा शकुंतला की मौत का मामला गरमा गया है। अब मां की मौत के बाद बेटे ने निजी अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ इंसाफ की लड़ाई लड़ने का फैसला लिया है। बेटे पवन ने बताया कि कल यानी रविवार को मां की 13वीं की रस्म पूरी करूंगा। इसके बाद पुलिस को शिकायत देकर केस दर्ज करवाने की मांग करेंगे।
सोनीपत में एक निजी अस्पताल प्रबंधन आधार कार्ड जमा करवाने पर ही अड़ा रहा। वहीं, कारगिल शहीद लक्ष्मण दास की विधवा शकुंतला ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। अस्पताल प्रबंधन का कहना था कि वह ऑरिजनल आधार कार्ड देने पर ही मरीज को भर्ती करेगा।
बताया जा रहा है कि गांव महलाना के रहने वाले कारगिल शहीद लक्ष्मण दास की पत्नी शकुंतला को हृदय की बीमारी थी। तकलीफ ज्यादा बढ़ने पर उनका बेटा पवन बाल्याण अपनी पत्नी के भाई के साथ मां को लेकर आर्मी कार्यालय पहुंचा।



इसके बाद यहां से आर्मी की डिस्पेंसरी से रेफरल लेने के बाद निजी अस्पताल में पहुंचे। बेटा शकुंतला को दिल्ली रोड स्थित निजी अस्पताल में ले जाया गया था। जहां अस्पताल प्रबंधन ने उनसे आधार कार्ड की मांग की थी।
यहां पर अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया, जबकि आधार कार्ड की कॉपी मोबाइल में होने मुहैया कराने की बात कही थी। वहीं, अस्पताल ऑरिजनल आधार मुहैया कराने की जिद पर अड़ा रहा।
बेटे पवन का आरोप है कि उसके पास आधार कार्ड को छोड़कर सभी कागजात थे फिर भी उसकी सुनवाई नहीं हुई। इस दौरान अस्पताल में ऊंची आवाज में बोलने पर पुलिस को बुलवा लिया गया था।



वहीं, सिक्का कॉलोनी चौकी प्रभारी कृष्ण कुमार का कहना है कि अभी तक किसी तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर कोई शिकायत लेकर आएगा तो उसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
पीड़ित बेटे पवन की मानें तो वह अपनी मां को अस्पताल से लेकर वापस डिस्पेंसरी में पहुंचा था। वहां से दिल्ली के लिए रेफरल कागजात तैयार कराए थे। वहां से आधार कार्ड की कॉपी लेने के लिए वह अपने घर पहुंचा। जहां पर उसकी मां की हालत अधिक बिगड़ चुकी थी। उसके बाद वह उसे लेकर सोनीपत के हांडा अस्पताल में पहुंचे थे। हालांकि तब तक उनकी मां की मौत हो चुकी थी। इस दौरान वह लगातार दो घंटे तक मां को लेकर भटकता रहा।
वहीं इस मामले के मीडिया के सामने आने पर अस्पताल अब लीपापोती में लग गया है. अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि, 'हमने इलाज के लिए मना नहीं किया है, इस बात पर गौर किया जाए कि वह(पवन) मरीज को अस्पताल लेकर आया ही नहीं, हमने किसी को भी आधार की वजह से इलाज करने के लिए नहीं रोका है, आधार जरूरी है लेकिन इलाज के लिए नहीं, सिर्फ कागजी कार्रवाई के लिए'


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