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कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। इसके नए घातक वेरिएंट ओमीक्रोन (Omciron) के आने के बाद तीसरी लहर की स्थिति बन गई है। देश में रोजाना दो लाख से ज्यादा नए मामले आ रहे हैं। ओमीक्रोन के लक्षणों (Omicron symptoms) को हल्का माना जा रहा है लेकिन अब यह वेरिएंट भी डेल्टा की तरह अपना रंग बदल रहा है। ओमीक्रोन तेजी से अपने लक्षण बदल रहा है। अब मरीजों में सिर्फ खांसी, बुखार, जुकाम या थकान जैसे लक्षण ही नहीं दिख रहे हैं।
मरीजों में कुछ ऐसे अजीब लक्षण देखने को मिल रहे हैं, जो कोविड-19 के अन्य वेरिएन्ट्स की तुलना में बिल्कुल अलग हैं। अगर ओमीक्रोन के सामान्य लक्षणों की बात करें, तो अधिकतर मरीजों में बहती नाक, सिरदर्द, थकान (हल्का या गंभीर), छींक आना और गले में खराश जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं। ओमीक्रोन जिस तेजी से बढ़ रहा है, उतनी ही तेजी से इसके लक्षण भी बदल रहे हैं।
एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि कोरोना वायरस के किसी भी लक्षण को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। सर्दियों के मौसम है और इस मौसम में सर्दी-फ्लू का खतरा अधिक होता है। चूंकि कोरोना के लक्षण फ्लू से मिलते-जुलते हैं इसलिए जांच करानी जरूरी है। सर्दी, खांसी और बुखार के अलावा भी अगर किसी को कुछ अजीब लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो सतर्क हो जाएं।
त्वचा पर पित्ती या घमौरी
ओमीक्रोन का त्वचा पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। पिछले दिनों जो लोग ओमीक्रोन पॉजिटिव पाए गए हैं, उनमें से कुछ में त्वचा से जुड़े लक्षण पाए गए हैं। उनकी त्वचा पर तीन अलग-अलग प्रकार चकत्ते पाए गए हैं। इनमें पित्ती, घमौरी और हाथ पैर की सूजन शामिल हैं। ये तीनों स्थितियां त्वचा को लाल और खुजलीदार बना सकती हैं।
डायरिया
कोरोना वायरस के एनी वेरिएंट में डायरिया एक प्रमुख लक्षण रहा है। ओमीक्रोन के मामले में भी कई मरीजों में यह लक्षण देखा जा रहा है। जॉन हॉपकिन्स मेडिसिन के अनुसार, ओमीक्रोन वायरस से संक्रमित होने के तुरंत बाद लगभग 20 प्रतिशत मरीजों को दस्त के लक्षण का सामना करना पड़ रहा है।
कंजंक्टिवाइटिस
एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि ओमीक्रोन के लक्षण आंखों में भी नजर आ सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित है, तो उसे अपनी जांच करानी चाहिए। यह कोरोना का लक्षण हो सकता है। इसे पिंक आइज के रूप में भी जाना जाता है जिसमें आंखों का लाल होना, पानी आना और दर्द होना आदि शामिल है।
रात में पसीना आना
रात के पसीना आना की समस्या को आमतौर पर कैंसर या दिल की जैसी अन्य बीमारियों के साथ जोड़कर देखा जाता है। अब ओमीक्रोन के मरीजों में भी यह लक्षण देखने को मिल रहा है। मरीजों को गले में खराश के साथ रात में पसीना आना जैसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
भूख में कमी
ऐसा माना जा रहा है कि कोविड ओमीक्रोन से पीड़ित तीन में से एक व्यक्ति को भूख में कमी का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं कुछ मरीज खाना छोड़ रहे हैं। यह लक्षण 35 वर्ष से अधिक आयु के रोगियों में अधिक देखने को मिल रहा है। अगर आप इस समस्या से जूझ रहे हैं, तो आपको तुरंत कोरोना की जांच करानी चाहिए।
नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।