स्वास्थ्य

बाबा रामदेव ने कोरोना वायरस का बताया इलाज, और कैसे बनाये घरेलू सेनिटाइजर

Sujeet Kumar Gupta
14 March 2020 5:12 AM GMT
बाबा रामदेव ने कोरोना वायरस का बताया इलाज, और कैसे बनाये घरेलू सेनिटाइजर
x
योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि कोरोना का उपचार आयुर्वेद से भी हो सकता है।

वैश्विक महामारी का रूप धारण कर चुके कोरोना वायरस के कारण विश्वभर में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. अस्पतालों में मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, स्कूल, कॉलेज, कार्यालय, स्टेडियम बंद हो रहे हैं. वित्तीय एवं आर्थिक गतिविधियों पर इसका बहुत बुरा असर पड़ रहा है वैसे तो कोरोना वायरस का इलाज अभी तक नहीं मिल पाया है, लेकिन योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि कोरोना का उपचार आयुर्वेद से भी हो सकता है।

उन्होंने कहा कि इससे घबराने की नहीं सतर्कता बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सेनिटाइजर की कमी हो गई है। साथ ही सेनिटाइजर दोगुने दामों पर भी बेचे जा रहे हैं। योग गुरु स्वामी रामदेव और आयुर्वेदाचार्य बालकृष्ण ने इसका अचूक विकल्प सुझाया है। स्वामी रामदेव ने बताया कि एक लीटर पानी में 100 ग्राम नीम के पत्ते और तुलसी के दस पत्ते मिलाकर उबाल लें। उबालने के बाद पानी को छानकर ठंडा करें। एक बोतल में दस ग्राम फिटकरी और दस ग्राम कपूर बारीक पीसकर घोल लें।

ऐसे बढ़ेगी रोग प्रतिरोधक क्षमता

इस सारे द्रव्य को छानकर शीशी में भरकर रखें। इस प्रकार यह प्राकृतिक सेनिटाइजर तैयार हो जाएगा। स्वामी रामदेव ने बताया कि प्राकृतिक रूप से बनाया गया सेनिटाइजर बाजार में बिकने वाले महंगे सेनिटाइजर से कई गुणा अधिक लाभकारी होगा।

आचार्य बालकृष्ण नेे बताया कि गिलोय वटी, तुलसी वटी, नीम वटी, अदरक और नींबू का रस एक साथ लेने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न होती है। गिलोय और तुलसी की वटी रोजाना दो-दो की संख्या में नियम पूर्वक दोनों समय ली जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि कोरोना के प्रति सभी को अधिक से अधिक जागरूकता बरतनी चाहिए।

स्वामी रामदेव ने कहा कि ''कोरोना वायरस के लक्षण आने से खुद को बचा सकते हैं. आंख, नाक, मुंह और कान से वायरस अटैक करता है तो हमें सबसे पहले अपनी इम्यूनिटी का ख्याल रखना चाहिए. सर्दी, जुकाम, बुखार वाले किसी प्रकार से भी नहीं डरें. यह वायरस आसमान से उड़कर नहीं आता है, यह सिर्फ संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से आता है.''

योग गुरु बताया कि इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए तीन प्राणयाम जरूर करें. एक भस्त्रिका है जो दो से तीन मिनट करें. दूसरा कपालभाती है जो पांच से 10 मिनट कर सकते हैं. तीसरा अनुलोम विलोम करें।


Next Story