स्वास्थ्य

Health Tips : बदलते मौसम में जरूर बचकर रहिए इन गंभीर बीमारियों से, वरना सेहत को होगा भारी नुकसान

Arun Mishra
14 Oct 2022 6:59 PM IST
Health Tips : बदलते मौसम में जरूर बचकर रहिए इन गंभीर बीमारियों से, वरना सेहत को होगा भारी नुकसान
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मौसम के बदलाव के कारण कई बीमारियों के होने का खतरा बढ़ गया है, ऐसे में अगर आप थोड़ी सी भी लापरवाही बरतेंगे तो आप तुरंत किसी गंभीर बीमारी के शिकार हो सकते हैं।

धीरे-धीरे मौसम बदलने लगा है। सर्दी का मौसम बस आने ही वाला है। इसी मौसम के बदलाव के कारण कई बीमारियों के होने का खतरा बढ़ गया है। पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है जिसके कारण कई जगह पानी भर या इक्ट्ठा हो गया है जिससे डेंगू और चिकनगुनिया जैसे कई गंभीर बीमारियों के होने का खतरा बढ़ गया है।

ऐसे में अगर आप थोड़ी सी भी लापरवाही बरतेंगे तो आप तुरंत किसी गंभीर बीमारी के शिकार हो सकते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस मौसम में आपको कौन-कौन सी बीमारी चपेट में ले सकती है और जिनसे आपको सावधान रहने की आवश्यकता है, तो चलिए जानते हैं-

वायरल इंफेक्शन

बारिश के मौसम में वायरल इंफेक्शन बहुत कॉमन बीमारी है। ये ऐसे लोगों को अधिक होता है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। इसमें साधारण खांसी, जुकाम और बुखार जैसे वायरल इंफेक्शन शामिल हैं। इसके अलावा फंगल इंफेक्शन, बैक्टीरियल इनफेक्शन, पेट का इंफेक्शन और पैरों के इंफेक्शन आदि भी शामिल होते हैं।

चिकनगुनिया

चिकनगुनिया मादा एडीज मच्छर के काटने से पैदा होता है। इस मच्छर के काटने से करीब 3 से 7 दिन के बाद चिकनगुनिया के लक्षण मरीज में दिखाई देने लगते हैं। इसके लक्षण हैं बुखार, जोड़ों में दर्द, सिर दर्द, मशल्स पेन, जोड़ों में सूजन औऱ बॉडी पर रेशेज आदि।

डेंगू

ये मानसून के मौसम में सबसे ज्यादा फैलने वाला रोग है। ये रोग भी मादा एडीज एडिप्टी के काटने से फैलता है। इसके लक्षण हैं 105 डिग्री फारेनहाइट तक बुखार, बदन दर्द, जॉइंट पेन और प्लेटलेट्स का तेजी से घटना आदि। इसके लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं।

टाइफाइड

टाइफाइड रोग टायफी नामक बैक्टीरिया से पैदा होता है। ये आंतों में होने वाला एक इंफेक्शन है। ये बैक्टीरिया मरीज की आंतों में घाव कर देता है। इस रोग के लक्षण हैं तेज बुखार जोकि कई दिनों तक शरीर में बना रहता है। लेकिन ठीक होने के बाद ये बीमारी संक्रमण रोगी के पित्ताशय में रहता है। हालांकि कुछ महीने बाद रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है। ये बीमारी गंदा खाना या पानी के सेवन करने से होती है।

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