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कोरोना संकट के दौरान गर्भवती महिलाएं रखें अपना खास ध्यान
देश कोरोना की महामारी से जूझ रहा है. पिछले 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है. लोगों से बहुत जरूरी न होने पर घर से नहीं निकलने की अपील की जा रही है. हॉटस्पॉट चिन्हित कर उन इलाकों को पूरी तरह सील किया जा रहा है. परिवहन के साधनों का परिचालन ठप है. लोग घरों में हैं. ऐसे में चिंता इस बात को लेकर भी है कि लॉकडाउन की अवधि में लोग जब मॉर्निंग वॉक के लिए भी नहीं निकल पा रहे, वे घरों में खुद को फिट कैसे रखें.
गर्भवती महिलाओं को लेकर यह चिंता कुछ ज्यादा ही है. ऐसे में विशेषज्ञों की राय है कि व्यायाम, योगाभ्यास और टेलीकन्सल्टेशन से गर्भवती महिलाएं कोरोना को हरा सकती हैं. स्त्रीरोग विशेषज्ञ और प्रसूति रोग विशेषज्ञों ने गर्भवती महिलाओं को सलाह दी है कि वे गर्भ को संक्रमण से बचाने के लिए सावधानी बरतें और अवांछित वजन बढ़ने से बचाव के लिए घर पर ही व्यायाम करती रहें.
इन्टीग्रेटेड हेल्थ एंड वेलबीईंग (आईएचडब्ल्यू) काउंसिल की वेब समिट में चिकित्सकों और विशेषज्ञों ने गर्भवती महिलाओं के सामने कोरोना और लॉकडाउन के दौरान आने वाली समस्याओं को लेकर अपनी सलाह दी है, जिससे गर्भवती महिलाएं इन चुनौतियों से निपट सकें. विशेषज्ञों ने गर्भवती महिलाओं को संक्रमण से बचाने के साथ ही वजन को भी नियंत्रित रखने के लिए कई एक्सरसाइज बताईं. कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल की चीफ और प्रसूति एवं स्त्री रोग की सीनियर कन्सल्टेंट डॉक्टर अमिता शाह की सलाह है कि प्यूबिक बोन से गर्भाशय के ऊपर की दूरी की निगरानी के जरिए गर्भावस्था की प्रगति की जांच करें.
मधुकर रेनबो चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल नई दिल्ली की डायरेक्टर ओबेसिटी एंड गाइनकोलॉजी डॉक्टर जयश्री सुन्दर ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में यह सलाह नहीं दी जाती कि ऐसी महिलाएं घूमें या एक्सरसाइज करें. गर्भवती महिलाओं को चाहिए कि वे घर पर ही अपनी एक्सरसाइज जारी रखें. वे घर से बाहर गए बिना ही अपनी कसरत घर के कमरों या फिर कॉरिडोर या छत पर भी कर सकती हैं. उन्होंने कहा कि इन दिनों कई एप आ गए हैं, जिनके माध्यम से अपने कदमों को नापा जा सकता है. इससे यह पता चल जाएगा कि कितने कदम पैदल चल लिए.
जयश्री सुंदर ने योगाभ्यास को भी गर्भवती महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण बताया और कहा कि घर के काम करना भी बुनियादी व्यायाम की तरह है. हमने गर्भवती महिलाओं में किसी प्रकार का वजन बढ़ते नहीं देखा है, जिन्होंने तीन सप्ताह के लॉकडाउन की अवधि के दौरान घरेलू काम किया है. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए, क्योंकि इस दौरान कोई नौकरानी काम पर नहीं आ रही या फिर उपलब्ध नहीं है.
बच्चे की गति पर दें ध्यान
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल जयपुर की कन्सलटेंट प्रसूति और स्त्री रोग विभागाध्यक्ष डॉक्टर आदर्श भार्गव ने सोशल डिस्टेंसिंग का सावधानी पूर्वक पालन करने की सलाह दी और कहा कि साबुन से अपने हाथ कोहनी तक धोएं. गुनगुने पानी का सेवन करें. नमक डालकर पानी से गार्गल करें. संतुलित आहार का उपयोग करें और बच्चे की गति पर ध्यान दें. वहीं, आईएचडब्ल्यू काउंसिल के सीईओ कमल नारायण का कहना है कि बच्चे के जन्म के बाद भी उसकी निगरानी जरूरी है.
अस्पताल जाने से बचें
लगभग हर चिकित्सक ने गर्भवती महिलाओं को रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल जाने से बचने और फोन या वीडियो कॉल के माध्यम से ही चिकित्सकीय परामर्श लेने की सलाह दी है. गौरतलब है कि देश में अब तक 13000 से अधिक लोग कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं.