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स्वास्थ्य विभाग का कारनामा, मृत युवती को लगाई वैक्सीन, फिर जो हुआ..
मेरठ: उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही का एक मामला सामने आया है. मृत हो चुके लोगों को भी कोरोना वैक्सीन लगा रहा है। यह कारनामा मेरठ के सरधना सीएचसी में किया गया। सरधना सीएचसी में चार माह पूर्व मृत युवती को वैक्सीन लगाने का प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया।मृतका के भाई के मोबाइल पर मैसेज पहुंचा तो सरधना सीएचसी के कारनामे का खुलासा हुआ। अधिकारियों में इस मामले को लेकर खलबली मची है। वह जानकारी करने की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं।
सरधना के मोहल्ला सराय अफगनान निवासी फरहा पुत्री अख्तर का चार माह पूर्व बीमारी के चलते निधन हो चुका है। नगर पालिका से उसका मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी हो चुका है। इसी आठ सितंबर को सरधना सीएचसी में फरहा को कोरोना वैक्सीन लगा दी गई। इसके लिए बाकायदा उसकी पंजीकरण पर्ची काटी गई। आधार कार्ड नम्बर भी लिखा गया। वैक्सीन लगने के बाद उसका प्रथम डोज लगने का प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया।
इसके बाद फरहा के भाई वसीम के मोबाइल नम्बर पर वैक्सीनेशन सफलतापूर्वक होने का मैसेज पहुंचा। मैसेज में बहन का नाम देखकर वह हैरान हुआ। इसके बाद सीएचसी पहुंचकर छानबीन की तो पता चला कि उसकी बहन को वैक्सीन लगाना बताया गया है। सीएचसी कर्मचारियों से इसकी जानकारी चाही तो उन्होंने समय न होने की बात कहकर उसे चलता कर दिया। उधर, स्वास्थय विभाग के अधिकारी भी इस मामले में कुछ बोलने को तैयार नहीं है। सीएचसी प्रभारी सरधना डॉ. अमित कुमार त्यागी ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है, यदि इस तरह का कोई मामला हुआ है तो उसकी जांच कराई जाएगी
वही, सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि यह मामला बेहद गंभीर है। इस मामले की जांच के लिए दो सदस्य विभागीय अधिकारियों की टीम बनाई दी गई है। किस स्टाफ ने ऐसा किया कि बिना जांच पड़ताल किए किसी मृत को कैसे वैक्सीन लग सकती है। अगर यह चूक हुई भी तो बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके पीछे क्या मंशा है इसका पता कर स्टाफ, प्रभारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।