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राष्ट्रीय
ब्रिटेन के अधीन रहता तो सही रहता भारत- फेसबुक बोर्ड मेंबर
Special News Coverage
11 Feb 2016 3:25 AM GMT
नई दिल्ली
फ्री बेसिक्स की अपनी महत्वाकांक्षी योजना पर ट्राई की ओर से रेड सिग्नल मिलने से फेसबुक के अधिकारी बौखला गए हैं। हाल ये है कि फेसबुक के एक बोर्ड डायरेक्टर ने ये कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि भारत को ब्रिटिश शासन के अधीन ही रहना चाहिए था।
मार्क एंडरसन सिलिकन वैली के सबसे बड़े पूंजीपतियों में से एक हैं और फेसबुक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सदस्य हैं। वो इस बात से बेहद गुस्से में हैं कि लाख कोशिशों के बावजूद फ्री बेसिक्स भारत में काम नहीं कर पाया। हैरान करने वाली बात ये है कि उन्हें लगता है कि भारत नेट न्यूट्रलिटी जैसे फिजूल के विचार का समर्थन कर रहा है।
मार्क जकरबर्ग ने मांगी माफी
फेसबुक सीईओ मार्क जकरबर्ग ने देर रात अपनी वॉल पर पोस्ट कर एंड्रीसन के ट्वीट के लिए माफ़ी मांगी। उन्होंने लिखा, "एंड्रीसन के भारत पर किए ट्वीट पर मैं माफ़ी मांगता हूं। मैं और फेसबुक कोई भी इस ट्वीट का समर्थन नहीं करते। मैं भारत को चाहता हूं और फेसबुक की भी ऐसी ही सोच है। भारत आकर ही मैं इंस्पायर हुआ था, मुझे डेमोक्रेसी ने भी काफी प्रभावित किया है। इंडिया से मजबूत रिश्ते की कामना करता हूं।"
मार्क एंडरसन ने कहा कि इंटरनेट टैरिफ को लेकर भारत का फैसला सही नहीं है और ये देश ब्रिटिश शासन के ही अधीन होता तो इसकी हालत ज्यादा बेहतर होती। मार्क एंडरसन ने ट्वीट किया कि उपनिवेशवाद विरोध के चलते तो भारतीयों को दशकों तक आर्थिक नुकसान हुए हैं। तो अब इसे क्यों रोका जा रहा है?
हालांकि बाद में उन्होंने अपना ये ट्वीट हटा लिया। जब ट्विटर पर उनपर हमले जारी रहे तो उन्होंने सफाई दी कि वे किसी भी देश में उपनिवेशवाद के विरोधी हैं। साथ ही उन्होंने ये भी ट्वीट किया कि अब वे भारत की अर्थव्यवस्था और राजनीति पर चर्चा नहीं करेंगे।
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