- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
Archived
हालात 2008 के आर्थिक संकट जैसे बन रहे हैं : जॉर्ज सॉरोस
Special News Coverage
8 Jan 2016 9:31 AM GMT
कोलंबोः वैश्विक बाजार में मची उठापटक को देखते हुए लग रहा है कि हालात 2008 के आर्थिक संकट जैसे बन रहे हैं। अरबपति और हेज एंड फर्म सॉरोज फंड मैनेजमेंट के चेयरमैन जॉज सॉरोज का कहना है कि वैश्विक बाजार वर्ष 2008 में आई मंदी के जैसे संकट के दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में निवेशकों को बहुत ज्यादा सतर्क हो जाने की जरूरत है।
श्रीलंका में आयोजित एक इकोनॉमिक फोरम में जॉर्ज ने कहा कि चीन नए ग्रोथ मॉडल के लिए संघर्ष कर रहा है, जबकि उसकी मुद्रा में किए गए अवमूल्यन ने उसकी समस्या को बाकी दुनिया पर थोप दिया है।
साल के शुरुआत में ही ग्लोबल कर्रंसी, स्टॉक मार्केट और कमॉडिटी मार्केट्स
जॉर्ज ने कहा कि वर्तमान के हालात वर्ष 2008 की वैश्विक मंदी के समान तैयार हो रहे हैं। ग्लोबल कर्रंसी, स्टॉक मार्केट और कमॉडिटी मार्केट्स साल के पहले सप्ताह से ही संकट के दौर से गुजर रहे हैं। चीन की अर्थव्यवस्था की मजबूती को लेकर संदेह जताते हुए जॉर्ज ने कहा कि युआन लगातार गिरता जा रहा है और चीन की अर्थव्यवस्था इनवेस्टमेंट और मैन्यूफेक्चिरिंग से अब उपभोग और सेवाओं की तरफ शिफ्ट होती जा रही है।
इस साल बुधवार तक ग्लोबल इक्विटीज की कीमतों में करीब 2.5 ट्रिलियन डॉलर यानी कि करीब 166 खरब रुपए गायब हो गए और इसने गुरुवार को चीनी इक्विटीज में गिरावट के साथ पूरे एशिया को नुकसान में डुबो दिया।
चुनौतियां 2008 के संकट जैसी
जॉर्ज ने कहा, 'चीन के साथ एडजस्टमेंट को लेकर बड़ी समस्या है। मैं कहूंगा कि यह कोई भी संकट खड़ा करने के लिए काफी है। जब भी मैं फाइनेंशियल मार्केट की तरफ देखता हूं तो मुझे वहां नजर आ रही गंभीर चुनौतियां 2008 के संकट की याद दिला देती हैं।
Special News Coverage
Next Story