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पाकिस्तान सेना में विद्रोह, 7 जनरल सैन्य प्रमुख बाजवा के सेवा विस्तार के खिलाफ
पाकिस्तान में सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के सेवा विस्तार पर सेना में ही विद्रोह हो गया है. इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट पहले ही वजीर-ए-आजम इमरान खान सरकार की फजीहत कर चुका है. अब पता चला है कि पाक सेना के सात जनरलों ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस आसिफ सईद खोसा से हाथ मिलाया है.
इस 'समर्थन' का मतलब इमरान खान सरकार के सैन्य प्रमुख को दिए जा रहे तीन साल के सेवा विस्तार के निर्णय को येन-केन-प्रकारेण रोकना है. सैन्य प्रमुख बाजवा के खिलाफ आवाज उठाने वाले जनरलों में से एक दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावात से डिफेंस अटैशे रह चुके हैं. सैन्य प्रमुख के खिलाफ बगावत करने वाले इन सात जनरलों का मानना है कि नियाजी खान सरकार के इस कदम से उनके सैन्य प्रमुख बनने की संभावनाओं पर विपरीत असर पड़ेगा. वह लगभग समाप्त हो जाएंगी.
अंग्रेजी दैनिक फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से हाथ मिलाने वाले जनरलों में मुल्तान के कॉर्प्स कमांडर सरफराज सत्तार अगले सैन्य प्रमुख के वरिष्ठता क्रम के आधार पर सबसे बड़े दावेदार हैं. इनके अलावा लेफ्टिनेंट जनरल नदीम रजा, लेफ्टिनेंट जनरल हुंमायु अजीज, लेफ्टिनेंट जनरल नईम अशरफ, लेफ्टिनेंट जनरल शेर अफगान और लेफ्टिनेंट जनरल काजी इकराम के नाम सामने आए हैं. लेफ्टिनेंट जनरल बिलाल अकबर भी इस श्रेणी में शामिल हैं. हालांकि वरिष्ठता के आधार पर वह सातवें दावेदार बतौर उभरते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने बाजवा को दिया सिर्फ छह माह का विस्तार
हालांकि इन सभी जनरलों ने सार्वजनिक तौर पर सैन्य प्रमुख कमर जावेद बाजवा के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद नहीं किया है, लेकिन बाजवा के उत्तराधिकारी बतौर सबसे बड़े दावेदार लेफ्टिनेंट जनरल सरफराज सत्तार ने कानूनों को तोड़-मरोड़कर बाजवा के प्रमुख पद पर बने रहने के प्रयासों का मुखर विरोध किया है. सैन्य प्रमुख बाजवा के इस प्रयास को विफल करने के लिए इन सभी ने सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश से समर्थन मांगा है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस आसिफ सईद खोसा ने तीन साल के सेवा विस्तार के इमरान खान सरकार के फैसले पर रोक लगाते हुए फिलहाल महज 6 महीने के सेवा विस्तार की अनुमति दी है.
बाजवा से तीखी बहस कर चुके हैं सत्तार
पाकिस्तान में सैन्य प्रमुख बाजवा के विस्तार के संकेत मिलते ही लेफ्टिनेंट जनरल सरफराज सत्तार ने सेना से इस्तीफा दे दिया था. पाक सेना के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक जनरल सत्तार की बाजवा से पाकिस्तान सेना की छवि बिगाड़ने के मसले पर अच्छी-खासी तीखी बहस भी हुई थी. बताते हैं कि 29 नवंबर को जिस दिन कमर जावेद बाजवा को सेवानिवृत्त होना था. उस समय वरिष्ठता के आधार पर जनरल सत्तार की सैन्य प्रमुख पद के दावेदार थे. इसके पहले जनरल सत्तार सैन्य खुफिया प्रमुख, सियालकोट में तैनात इंफैट्री डिवीजन के कमांडिंग ऑफिसर और भारत में डिफेस अटैशे भी रह चुके हैं. जनरल (सेवानिवृत्त) राहिल शरीफ ने अपनी सेवानिवृत्ति से पहले पाकिस्तान सैन्य प्रमुख पद के लिए जनरल सत्तार का नाम प्रस्तावित किया था. उन्हें लगता था कि जनरल सत्तार ही उनकी नीतियों को आगे बढ़ा सकते हैं.