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9 यूरो के टिकट ने जर्मन में ध्वस्त कर दी परिवहन सेवाएं
9 यूरो वाला असाधारण रूप से सस्ता टिकट पिछले एक महीने से जर्मनी के सार्वजनिक परिवहन में चल रहा है. अब तक यह कितना सफल रहा या फिर नाकाम हो गया? वसंत के मौसम में जर्मनी की सरकार ने पूरे देश में यात्रा के लिए भारी छूट वाला पास जारी करने की घोषणा की. 9 यूरो टिकट नाम का यह पास जून, जुलाई और अगस्त महीने के लिए जारी किया गया. एक बार 9 यूरो का टिकट लेकर आप एक महीने के लिए पूरे जर्मनी के सार्वजनिक परिवहन में जितनी बार चाहें यात्रा कर सकते हैं. इस योजना की खबर ने लोगों में बड़ा उत्साह पैदा किया लेकिन बहुतों को यह चिंता भी हुई कि जर्मनी का परिवहन ढांचा यात्रियों की बढ़ी संख्या का दबाव झेल पाएगा या नहीं. यह अहम है कि जर्मन रेल सेवा डॉयचे बान ने पहले ही चेतावनी दी कि यात्रियों को ट्रेन में साइकिल लेकर जाने से बचना चाहिए क्योंकि जून से ट्रेनों में जगह की कमी होगी. जर्मनी में यात्रा की सेवाओं को संभालने वाली सार्वजनिक परिवहन एजेंसियों को तैयारी के लिए भी बहुत कम समय मिला. जर्मन ट्रांसपोर्ट कंपनियों के एसोसिएशन वीडीवी से जुड़े लार्स वागनर कहते हैं, "हमें अपनी बिक्री के बुनियादी ढांचे में बदलाव करना पड़ा, अतिरिक्त बसें, ट्रेन और लोगों को काम पर लगाना पड़ा, हालांकि मुझे कहना होगा कि यह सब पल भर की जानकारी में संभव नहीं था." इस एसोसिएशन में जर्मनी की 600 से ज्यादा सार्वजनिक परिवहन कंपनियां शामिल हैं.
बहुत से लोगों ने जून की शुरुआत में व्हिटसन सार्वजनिक छुट्टी के दौरान भीड़ से भरी बसों और ट्रेनों की उम्मीद की थी और वे लोग सही थे. बाल्टिक और नॉर्थ सी के तटों वाले इलाकों में जाने वाली बहुत सी रीजनल ट्रेनों में इतनी भीड़ थी कि यात्रियों को वापस भेजना पड़ा. साइकिल लेकर साथ जाना तो लगभग नामुमकिन हो गया. यात्रियों की ऐसी तादाद का मोटे तौर पर अनुमान पहले से ही था. आखिर व्हिटसन एक ऐसा सार्वजनिक छुट्टी का दिन है जब बड़ी संख्या में लोग देश में ट्रेन और बस से यात्रा के लिए हर साल निकल पड़ते हैं. वीडीवी निश्चित रूप से यह उम्मीद कर रहा था कि लोगों की भीड़ छुट्टी मनाने की मशहूर जगहों, सप्ताहांत की यात्राओं और जर्मनी के बड़े शहरों की ओर जाएगी. बर्लिन और ब्रांडेनबुर्ग में भी यात्रियों की संख्या में बड़ा इजाफा नजर आया. बर्लिन ब्रांडेनबुर्ग ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी से जुड़े योआखिम राडुएंत्स ने बताया कि बाल्टिक तट और दूसरे मशहूर ठिकानों के लिए ट्रेनों की संख्या भारी पैमाने पर बढ़ाई गई.
सस्ते पास ने उन लोगों को भी यात्रा के लिए आकर्षित किया जो बहुत कम ही सार्वजनिक परिवहन से कहीं जाते हैं. सांसदों ने निश्चित रूप से इस असर की उम्मीद की होगी. हालांकि वागनर का कहना है कि इसकी वजह से नई चुनौतियां भी पैदा हुईं. उदाहरण के लिए यात्रा के कम अनुभवी कुछ लोगों को ट्रेन और स्टेशन के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं थी. वागनर ने बताया, "इसकी वजह से ट्रेनें लेट हुईं क्योंकि भटके मुसाफिर कई बार अपना सामान ट्रेन में चढ़ाने या उतारने के दौरान दूसरों का रास्ता बंद कर दे रहे थे." सर्विस स्टाफ ने कुछ स्टेशनों पर लोगों को रास्ता बताने में मदद की और ट्रेनों को लेट होने से कुछ हद तक बचाया. जर्मनी के रेल संघ से जुड़े डेनिस युंगहांस ने बताया, "कोलोन में मैंने देखा कि सहायक यात्रियों को भीड़ वाली ट्रेनों में चढ़ने में मदद कर रहे थे ताकि दूसरे लोग भी ट्रेन में जा सकें." हालांकि उनका यह भी कहना है कि आने वाले हफ्तों के लिए इसे बेहतर बनाने की जरूरत होगी. उन्हें उम्मीद है कि इस तरह का सर्विस स्टाफ जर्मनी के प्रमुख स्टेशनों पर और ज्यादा संख्या में तैनात किया जाएगा जो यात्रियों की मदद करेगा.
अब तक जर्मनी के 9 यूरो टिकट की भारी मांग बनी हुई है. वीडीवी के आकलन के मुताबिक मई में बिक्री शुरू होने के बाद से लेकर अब तक तकरीबन 2.1 करोड़ टिकट बेचे गए हैं. इसके साथ ही सार्वजनिक परिवहन का सीजन टिकट लेने वाले एक करोड़ लोगों को भी यह छूट वाली टिकट मिली है. बिक्री के आंकड़े उद्योग की उम्मीदों के पार चले गए हैं, साथ ही यात्रियों की संख्या भी. डॉयचे बान ने बताया है कि जून में रीजनल ट्रेनों के यात्रियों की संख्या 10 फीसदी ज्यादा रही. बर्लिन और ब्रांडेनबुर्ग में तो यह संख्या और ज्यादा थी. कुछ रूटों पर 25 फीसदी ज्यादा यात्रियों ने सफर का लुत्फ उठाया है. इन सब के दम पर यात्रियों की संख्या महामारी से पहले के दौर में जितनी थी उस स्तर पर पहुंच गई है. वीडीवी के वागनर कहते हैं, "9 यूरो टिकट ने मोटे तौर पर हमें वहां पहुंचा दिया है जहां हम कोविड से पहले थे." राडुएंत्स का कहना है कि छूट वाली टिकट बर्लिन और ब्रांडेनबुर्ग में जबर्दस्त सफल रही है और यहां बहुत से लोग कार चलाने की बजाय ट्रेन या बस में सफर करना पसंद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उत्तरी बर्लिन और दूसरे ठिकानों पर जाने के लिए, "लोग सप्ताहांत में बच्चों और सामान के साथ टिकटों का इस्तेमाल कर रहे हैं." हालांकि वागनर के फैसले में थोड़ी दुविधा भी है. 9 यूरो टिकट ने बहुत से लोगों को सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया है और वह इससे खुश हैं लेकिन इस योजना की फंडिंग की आलोचना करते हैं, "कम कीमत वाली टिकट के कारण होने वाले राजस्व के नुकसान की भरपाई के लिए परिवहन मंत्रालय तीन महीनों में 2.5 अरब यूरो दे रहा है और अब तक अतिरिक्त कर्मचारी, बस या ट्रेन के लिए कोई पैसा नहीं दिया गया है." इस बात की ओर ध्यान देने के बाद वह यह नहीं समझ पा रहे हैं कि यह योजना अगस्त के बाद आखिर कैसे चल पाएगी. कम से कम 9 यूरो की कीमत पर तो नहीं चलेगी.