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16 अप्रैल: (World Voice Day) विश्व आवाज दिवस मनाने का क्या है कारण, आइए जानते हैं इस लेख में
हम सभी के दैनिक जीवन में आवाज के महत्व को प्रदर्शित करने के लिए हर साल 16 अप्रैल को विश्व स्तर पर विश्व आवाज दिवस मनाया जाता है, यह दिन एक वैश्विक वार्षिक कार्यक्रम है, जो मानव आवाज की असीम सीमाओं को पहचानने के लिए समर्पित है, यह मिशन लोगों को वैज्ञानिकों और अन्य निकायों के साथ आवाज की घटना के उत्साह को साझा करना है।
*विश्व आवाज दिवस की शुरुआत*
World Voice Day की शुरुआत लोगों को उनकी आवाज के प्रति जागरूक करने के लिए की गई है,हर साल 16 अप्रैल को विश्व आवाज दिवस मनाया जाता है. हाल के कुछ वर्षों में आवाज संबंधी समस्याएं और बीमारियां भी बढ़ रही है. स्मोकिंग, ड्रग और तेज बोलने के कारण लोग अपनी आवाज को क्षति पहुंचा रहे हैं. आपने भी महसूस किया होगा कि किसी पार्टी, ट्रिप, समारोह वगैरह में अगर आपने चिल्ला-चिल्ला कर बात की हो तो आपकी आवाज बैठ जाती है. इन सब चीजों के प्रति जागरूक होने में ही वर्ल्ड वॉइस डे की आवश्यकता है। दरअसल, यह दिवस विशेष रूप से दुनिया भर में ओटोलरींगोलॉजिस्ट-हेड एंड नेक सर्जन और अन्य आवाज स्वास्थ्य पेशेवरों की ओर से मनाया जाता है. इस दिवस की शुरुआत 1999 में ब्राजील(Brazil) में हुई थी. ब्राजील में आवाज स्वास्थ्य पेशेवरों के ग्रुप ने ही लोगों को जागरूक करने के लिए इस खास दिन की शुरुआत की थी।
*ब्राजील से हुई थी इस दिन की शुरुआत*
ब्राजील में डॉ. नेडिओ स्टीफेन की अध्यक्षता में ब्राजील सोसाइटी ऑफ लारिंगोलॉजी और वॉइस ने इस खास दिन की शुरुआत की थी. तब इसे ब्राजील नेशनल वॉइस डे के तौर पर मनाया जाता था. ब्राजील में इसकी शुरुआत होने के बाद इसे पुर्तगाल, अर्जेंटीना जैसे कुछ अन्य देशों में भी मनाया जा रहा था. इसके बाद वर्ष 2002 में अमेरिकन एकेडमी ऑफ ओटोलरींगोलॉजिस्ट-हेड एंड नेक सर्जरी ने इसे विश्व आवाज दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की थी.
*आधुनिक युग में इस दिवस का महत्व बढ़ा है*
आज के समय में इसका महत्व बढ़ गया है. इसकी शुरुआत लोगों को यह याद दिलाने के लिए की गई थी कि उनकी जो आवाज है वो एक बेहद खूबसूरत तोहफा है. विश्व आवाज दिवस पर ऐसे लोगों की कहानियां सामने रखी जाती है, जिनकी आवाज कैंसर या किसी अन्य बीमारी के कारण चली गई. लोगों को आवाज के प्रति जागरूक करने की दृष्टि से आज के दिन का बड़ा ही महत्व है।