- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
अफगानिस्तान पर आधारित, जी-20 सम्मेलन में बोले पीएम, अफगानिस्तान में 500 से ज्यादा विकास परियोजनाओं को कार्यान्वित किया गया
पीआईबी, नई दिल्ली: नरेन्द्र मोदी ने अफगानिस्तान पर पहले जी20 विशेष शिखर सम्मेलन में आज वर्चुअल तौर पर हिस्सा लिया। ये बैठक इटली द्वारा बुलाई गई थी, जिसके पास वर्तमान में जी20 की अध्यक्षता है, और इस शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी ने की। इस बैठक में जिन मसलों पर विचार विमर्श किया गया वे अफगानिस्तान की मौजूदा मानवीय स्थिति, आतंकवाद संबंधी चिंताओं और वहां मानवाधिकारों के हाल से जुड़े थे।
अपनी टिप्पणी में प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति का जायजा लेने हेतु बैठक बुलाने के लिए इटली जी20 प्रेज़िडेंसी की पहल का स्वागत किया। उन्होंने भारत और अफगानिस्तान के बीच सदियों पुराने लोगों के पारस्परिक संबंधों का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने जिक्र किया कि बीते दो दशकों में, भारत ने अफगानिस्तान में युवाओं और महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक विकास और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने में योगदान दिया है। उन्होंने याद किया कि भारत द्वारा अफगानिस्तान में 500 से ज्यादा विकास परियोजनाओं को कार्यान्वित किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अफगान लोगों के मन में भारत के प्रति मित्रता की भावना है। उन्होंने कहा कि हर भारतीय भूख और कुपोषण का सामना कर रहे अफगान लोगों का दर्द महसूस करता है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को ये सुनिश्चित करने पर ज़ोर दिया कि अफगानिस्तान को मानवीय सहायता तक तत्काल और निर्बाध पहुंच हासिल हो।
प्रधानमंत्री ने ये सुनिश्चित करने की जरूरत को भी रेखांकित किया कि क्षेत्रीय या वैश्विक स्तर पर अफगान क्षेत्र कट्टरपंथ और आतंकवाद का स्रोत नहीं बन जाए। उन्होंने इस क्षेत्र में कट्टरपंथ, आतंकवाद और नशीले पदार्थों व हथियारों की तस्करी के गठजोड़ के खिलाफ हमारी संयुक्त लड़ाई को और आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।