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पुलवामा पर पूर्व PAK राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी बोले- 'इमरान खान हैंडल नहीं कर पाए, दूसरों के इशारे पर काम कर रहे हैं'
पुलवामा आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अब अपनों के निशाने पर हैं. पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने इमरान की आलोचना करते हुए उन्हें अपरिपक्व करार दिया. उन्होंने कहा कि इमरान को अंतरराष्ट्रीय राजनीति को कैसे संभालना इसके बारे में नहीं पता है.
आसिफ अली जरदारी ने कहा कि मेरे कार्यकाल के दौरान मुंबई के ताज होटल पर हमला किया गया था, लेकिन फिर हमने इस मुद्दे को सौहार्द्रपूर्ण ढंग से संभाला. इस बार प्रधानमंत्री (इमरान खान) बहुत अपरिपक्व हैं. उन्हें नहीं पता कि क्या करना है. वह वास्तव में एक बैक सीट ड्राइवर हैं और दूसरों के इशारे पर काम कर रहे हैं, इसलिए स्थिति खराब हो रही है.
उन्होंने कहा कि हम अब भी पाकिस्तान सेना का समर्थन करते हैं और अगर भारत ने हमारे खिलाफ कोई गलत काम करने की योजना बनाई है, तो हम एक साथ रहेंगे और इसके खिलाफ लड़ेंगे. यह पहली बार नहीं है जब जरदारी ने इमरान खान की आलोचना की है. इससे पहले, जब खान ने अगस्त, 2018 में सत्ता संभाली, तो जरदारी ने कहा कि वह अपना संवैधानिक पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं करेंगे.
जरदारी ने कहा कि बैठिए और सरकार के बारे में सोचिए. अब जब आप एक आकस्मिक, चयनित प्रधानमंत्री बन गए हैं, तो कुछ सीखें. पीपीपी के अध्यक्ष और जरदारी के बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी कहा कि इमरान खान में संसद सत्र के दौरान आमने-सामने बात करने की हिम्मत नहीं है. इसके जवाब में इमरान खान ने कहा था कि जरदारी पाकिस्तान की सबसे बड़ी बीमारी हैं.
बता दें, जब 2008 में मुंबई पर लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) ने हमला किया था, तब आसिफ अली जरदारी पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे. इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के रहने वाले आतंकी अजमल क़साब को गिरफ्तार कर लिया था. उसकी गिरफ्तारी के बाद यह साफ हो गया था कि पाकिस्तान अपनी जमीं का इस्तेमाल लश्कर जैसे आतंकी संगठनों के लिए कर रहा है. उस समय जरदारी ने तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस से वादा किया था कि उनकी सरकार मुंबई हमलों में पाकिस्तानी संलिप्ता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी.
वहीं, पुलवामा आतंकी हमले के बाद इमरान खान ने इस्लामाबाद की भागीदारी को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है. 19 फरवरी को इमरान खान ने कहा कि अगर भारत, पाकिस्तान के खिलाफ कोई कार्रवाई करता है तो उनका देश तैयार है. अपने भाषण के दौरान इमरान ने पुलवामा में शहीद हुए जवानों के प्रति कोई संवेदना व्यक्त नहीं की थी. बता दें, 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 से अधिक सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. इसका सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान में रहता है.