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चीन ने दिया भारत को कड़ा संदेश, अरुणाचल भारत का नहीं दक्षिणी तिब्बत का इलाका है.

Shiv Kumar Mishra
7 Sep 2020 4:16 PM GMT
चीन ने दिया भारत को कड़ा संदेश, अरुणाचल भारत का नहीं दक्षिणी तिब्बत का इलाका है.
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दिल्ली: भारत और चीन की सीमा पर पिछले कई दिनों से खबरें आ रही है. तो वहीँ दोनों सरकारें कुछ ख़ास बात नहीं कर रही थी. लेकिन जब आज केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू चीनी सैनिकों द्वारा अरुणाचल प्रदेश में 5 लोगों को अगवा किए जाने की मीडियो रिपोर्टों पर भारतीय सेना ने चीन के अपने समकक्षों से बात की है.

अरुणाचल पश्च‍िम लोकसभा सीट से सांसद किरेन रिजीजू एक हिंदी न्यूज चैनल के पत्रकार के ट्वीट का जवाब दे रहे थे. रिजीजू ने ल‍िखा, 'भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश में सीमा पर पीएलएल के अपने समकक्ष को हॉटलाइन संदेश भेज द‍िया है और उनके जवाब की प्रतीक्षा है.'उनके इस जबाब पर उनके चीन के समकक्ष मन्त्रिन भारत को कड़ा संदेश दिया है.

चीन के मंत्री ने दिया जबाब

अरुणाचल प्रदेश बॉर्डर से चीन की सेना द्वारा पांच भारतीयों के कथित अपहरण करने के मामले में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के सवाल का जवाब देते हुए चीन ने कड़ा जवाब दिया है. चीन ने कहा है कि वह अरुणाचल को भारत का हिस्सा नहीं मानता बल्कि यह चीन के दक्षिणी तिब्बत का इलाका है.

पत्रकार ने इस मामले पर मीडियो रिपोर्ट का हवाला देते हुए अपडेट मांगा था और अपने ट्वीट में विदेश मंत्रालय, किरेन रिजीजू और मुख्यमंत्री पेमा खांडू को टैग किया था. शनिवार को एक प्रमुख स्थानीय अखबार ने एक रिपोर्ट छापी जिसमें दावा किया गया कि तागिन समुदाय के 5 लोगों, जो कि नाचो शहर के पास एक गांव के रहने वाले हैं, का अपहरण कर ल‍िया गया है.

अखबार ने ल‍िखा क‍ि इस कथ‍ित अपहरण के वक्त वो जंगल में श‍िकार के ल‍िए गए थे. रिपोर्ट एक रिश्तेदार के हवाले से छापी गई थी जिसने दावा किया कि उन लोगों को चीनी सेना द्वारा अगवा कर लिया गया. यह दावा एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए क‍िया गया जो देखते ही देखते वायरल हो गया.

अरुणाचल प्रदेश के अपर सुबनसिरी जिले में स्थ‍ित नाचो रिजीजू के संसदीय क्षेत्र में है. इन दावों की पुष्टि‍ न तो भारतीय सेना और न ही राज्य सरकार ने अभी तक की है. पुलिस अध‍िकारियों की एक टीम को इन दावों की पड़ताल के लिए भेजा गया है - इस गांव तक केवल पैदल ही पहुंचा जा सकता है. अपर सुबनसिरी के पुलिस अधीक्षक तारु गुसार ने बताया कि "हमें मीडिया रिपोर्टों और सोशल मीडिया पोस्ट से घटना के बारे में पता चला. हमने पुलिस हेडक्वार्टर से इस मामले पर चर्चा की है. हमने क्षेत्र के नाचो पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम को भेज दिया है."

उन्होंने कहा कि "अब तक पुलिस को इसकी कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है, लेकिन चूंकि यह मामला संवेदनशील है, इसलिए हमने अपने लोगों को ग्रामीणों और रिश्तेदारों के साथ तथ्यों का पता लगाने के लिए भेजा है. पहले भी इन क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं हुई हैं. हमने इसे गंभीरता से लिया है." अखबार में छपी खबर में यह भी कहा गया है कि जिन लोगों का अपहरण हुआ, उनके साथ गए दो लो जो बचने में कामयाब रहे, उन्होंने गांव वालों को सारी घटना बताई. इसी तरह की घटना 19 मार्च को हुई थी. तब अरुणाचल के एक 21 वर्षीय युवक टोंगले सिंकम का कथित तौर पर चीनी सेना ने अपहरण कर लिया था.

जड़ी-बूटियों की खोज में गए इस युवक का कथित तौर पर मैकमोहन लाइन को पार करके चीन की ओर जाने पर अपहरण कर लिया गया था. उसे 14 दिनों के बाद भारतीय सेना को सौंप दिया गया था.

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