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Corona: 'मैंने मौत को अपनी आंखों से देखा', भारतीय मूल की महिला ने सुनाई दर्द भरी दास्तां
ब्रिटेन में रह रही भारतीय मूल की रिया लखानी ने हाल ही कोरोना वायरस (Coronavirus) जैसी खतरनाक बीमारी को मात दी है और अपने घर वापस लौट आई हैं. रिया ने इस बीमारी से झूझते वक्त की बातें शेयर करते हुए बताया, मैं लगभग मर ही चुकी थी. अब भले मैं ठीक हूं मगर अभी भी सांस लेने में तकलीफ हो रही है.
रिया बताती हैं कि, सांस लेना एक नेचुरल प्रोसेस है, लेकिन मुझे याद रखना है कि सांस कैसे लेना और छोड़ना है. रात को सांस लेने में उन्हें बहुत ज्यादा दिक्कत होती है. घर वापसी के बाद भी रिया सेल्फ आइसोलेशन में हैं, वो पति को गले नहीं लगा पा रहीं और ना ही अपने करीबियों से मिल पा रही हैं.
यूं हुईं कोरोना की शिकार
दरअसल सात साल पहले रिया को एकालेसिया की शिकायत हुई. इस बीमारी में खाना निगलने में तकलीफ होती है. सात साल तक इस बीमारी से जूझने के बाद रिया इस साल सर्जरी कराने का फैसला लिया. वो ऑपरेशन के लिए भर्ती हुईं मगर सर्जरी के बाद उनकी हालत बिगड़ती गई. उन्हें सांस लेने तकलीफ होने लगी. एहतियात के तौर पर रिया का कोरोना टेस्ट करवाया गया, जोकि पॉजिटिव आया.
कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) आने के बाद रिया को आइसोलेशन में रखा गया, तबीयत में सुधार नहीं होने पर उन्हें लंदन के Covid-19 सेंटर भेजा गया. कोरोना ने जंग जीतकर लौटने वाली रिया ने फेसबुक पर अपना अनुभव शेयर करते हुए लिखा,
हालात बदतर होते चले गए. मेरे लिए सांस लेना पहाड़ चढ़ने जितना कठिन होता गया. एक वक्त ऐसा भी आया कि लगा मैं दोबारा कभी सूरज नहीं देख पाउंगी. जब मैं ठीक होकर हॉस्पिटल से बाहर निकल रही थी तो ड्रामैटिकल गाना बज रहा था, और मैं बहुत ही भावुक थी. उम्मीद है मेरे साथ इस बीमारी से लड़ रहे बाकी लोग भी स्वस्थ होकर बहार आएं.
रिया ने बीबीसी से हुई बातचीत में कहा कि, मैं लगभग मर चुकी थी. एक समय ऐसा आया जब मैंने परिवार वालों के लिए मैसेज लिखने शुरू कर दिए थे. लेकिन मेडिकल स्टाफ के लोग सच्चे हीरो हैं और अब मैं जिंदा हूं, इसके बाद मेरी जिंदगी कैसे नॉर्मल होगी?
बता दें ब्रिटेन में अब तक मरने वालों की कुल संख्या 7,097 तक पहुंच चुकी है. वहीं कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 61,474 हो गई है.