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जानिए कैसे रूस के सामने कोरोना वायरस ने टेके घुटने

Shiv Kumar Mishra
25 March 2020 2:15 PM GMT
जानिए कैसे रूस के सामने कोरोना वायरस ने टेके घुटने
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रूस में अभी तक नहीं हुई कोई भी मौत, इस देश ने कैसे लगाई लगाम?

नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) ने इस समय पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है. चीन के वुहान से शुरू हुआ ये वायरस अब दुनिया के 195 देशों में फैल चुका है. इस वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. हर देश इस समय कोरोना से बचाव के तरीके खोजने में लगा है. वहीं रूस ने इस वायरस पर काफी हद तक लगाम लगा ली है. इन सबके बीच रूस में कोरोना के एक मरीज की भी मौत की पुष्टि नहीं हुई है. जबकि संक्रमित मरीजों की संख्या में भी खास बढोत्तरी नहीं हो रही है. हर कोई ये जानने के लिए बेकरार है कि रूस ने महामारी बन चुके कोरोना को कैसे रोका? आइए हम उन तरीकों के बारे में जानते है जिससे रूस ने कोरोना जैसी महामारी को घुटने टेकने पर मजबूर दिया...

-रूस ने इस वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सबसे पहले अपने देश की सीमाओं (बॉर्डर) को सील कर दिया. रूस ने सख्ती दिखते हुए भीड़-भाड़ वाली जगह जैसे जिम, उत्सव, पार्टी, त्योहार, सार्वजनिक समारोह आदि पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया. इसके अलावा सभी टूरिस्ट प्लेस और लोगों के आकर्षण वाली जगहों पर भी लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी.

- 19 फरवरी को रूस ने नाटो सीमाओं पर युद्ध खेल को तत्काल रोकने की घोषणा कर दी. वहीं चीन आने-जाने वाली फ्लाइट की पूरी तरह से रोक दिया. इसके साथ ही उत्तर कोरिया और चीन जाने वाली सभी ट्रेनों को कुछ समय के लिए रद्द करने का आदेश पारित कर दिया. इसके साथ ही चीन से आने वाले कोरोबारियों के वर्क वीजा देने पर भी सरकार ने कुछ समय के लिए प्रतिबंध लगा दिया.

- चीन के वुहान शहर से जन्मे इस कोरोना वायरस को रोकने के मद्देनजर रूस ने सभी लैंड और रिवर बॉर्डर को बंद कर दिया. पहले ये निर्णय पब्लिक के लिए लिया गया था, लेकिन कार्गो शिप के आने-जाने पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई थी. कुछ समय बाद रूस ने अपने निर्णय में बदलाव करते हुए लैंड और रिवर बॉर्डर को हर किसी के लिए पूरी तरह से सील कर दिया था. रूस ने लोगों में कोरोना की जांच के लिए नोवोसिबिर्स्क में एक उपकरण का उपयोग करके संदिग्ध मामलों का परीक्षण किया था, जिसे वेक्टर के नाम से जाना जाता है.

- बताते चलें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 30 जनवरी 2020 में कोरोना को वैश्विक महामारी घोषित करने के बाद रूस के उप-प्रधानमंत्री तात्याना गोलिकोवा ने मास्को के दो क्षेत्रों में देश के पहले दो कोरोना मामलों की घोषणा की थी. जिसके छह दिन बाद ही रूस से पहली फ्लाइट चीन के वुहान शहर में फंसे रूसी नागरिकों को निकालने के लिए रवाना हुई थी. इस दौरान 144 रूसी नागरिकों को चीन के वुहान शहर से निकाला गया था. रूस ने सभी लोगों को 14 दिनों के लिए आइसोलेशन वार्ड में रखा था.

बताते चलें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आकड़ों के अनुसार पूरी दुनिया में करीब 195 देश इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं. अबतक 3,75,498 लोग इस गंभीर बीमारी की चपेट में आ चुके हैं. जबकि 16,362 लोग इससे वायरस के कारण अपना दम तोड़ चुके हैं. हर घंटे कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. ताजा आकड़ों के अनुसार रूस में अब तक मात्र 438 लोगों में कोरोना पॉजिटिव आया है जबकि देश में अभी तक एक भी कोरोना मरीज की मौत की पुष्टि नहीं हुई है.

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