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हां पाकिस्तान के भी सबसे हिज़गरे यही हैं: आपको नफ़रत में झोंक ख़ुद गलबहियां करते रहते हैं, आज़ादी के बाद पहली बार साथ में तोप चलाएंगे

Shiv Kumar Mishra
25 March 2021 5:59 AM GMT
हां पाकिस्तान के भी सबसे हिज़गरे यही हैं: आपको नफ़रत में झोंक ख़ुद गलबहियां करते रहते हैं, आज़ादी के बाद पहली बार साथ में तोप चलाएंगे
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राकेश पाठक

० आपको नफ़रत में झोंक ख़ुद गलबहियां करते रहते हैं

० आज़ादी के बाद पहली बार साथ में तोप चलाएंगे

० आप तो चाभी भरने पर ताली-गाली करते हैं जी

सबसे पहले दो खबरें जान लीजिये..

एक- भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'पाकिस्तान दिवस' पर वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान को बाक़ायदा चिट्ठी लिख कर मुबारकबाद पेश की है।

दो- आज़ादी के बाद पहली बार भारत और पाकिस्तान संयुक्त रूप से युद्धाभ्यास करने वाले हैं।

हमारा_एलान : हम बतौर 'इंसानियत के सिपाही' अमन और भाईचारे के पैरोकार हैं। हम बरसों से लड़ रहे दो पड़ोसी मुल्क़ों के बीच बेहतर रिश्तों की हर पहलक़दमी के हक़ में हैं। हम आख़िरी वक़्त तक जंग टालने के हिमायती हैं और रहेंगे।

सत्तर साल से चल रहे घोषित-अघोषित युद्ध से थक हार कर अगर दोस्ती का हाथ बढ़ाया जा रहा है तो इसका इस्तक़बाल करना चाहिये।

अब मुद्दे की बात...

आईये ज़रा गौर से चीन्ह लीजिये कि ये कौन हैं जो आज दोस्ती के लिये ख़तो किताबत कर रहे हैं? कौन हैं जो पाकिस्तान के साथ मिलकर जंग की कसरत करने वाले हैं। ये वही लोग हैं जो चौबीसों घंटे, आठों पहर आपकी 'पाकिस्तान ग्रन्थि' को नफ़रत की खाद पानी देकर वोटों की फसल काटते हैं। लाल लाल आंखें दिखाने और घर में घुस कर मारने के फ़िल्मी डायलॉग परोसते हैं,तालियां बजवाते हैं।इसके बावज़ूद जब मौका आता है इनके घुटने इस्लामाबाद के 'पेट की तरफ़ झुकने' में देर नहीं लगाते। हर बार ये साबित करते हैं कि पाकिस्तान के भी सबसे हिज़गरे यही हैं।

('भी' इसलिये लिखा है कि चीन के सबसे हिज़गरे भी यही हैं। हमारा कुछ महीने पहले का वीडियो देख लीजिये)

2014 से पहले पाकिस्तान को लाल लाल आंखे दिखाने वाले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और 2019 के चुनाव से पहले पुलवामा के शहीदों के नाम पर झोली फ़ैला कर वोट मांगने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ख़ुद हर मौके पर पाकिस्तान से 'इलू इलू' करने को तैयार रहते हैं।

◆ #पाकिस्तान_दिवस_पर_ख़तो_क़िताबत

प्रधानमंत्री मोदी ने 23 मार्च को पाकिस्तान के राष्ट्रीय ' दिवस' पर हिज़ एक्सीलेंसी इमरान खान को पत्र लिख कर शुभ कामनाएं भेजी हैं। लौटती डाक से इमरान ने ट्वीट करके इसे ज़ाहिर कर दिया और शुकराना अदा किया है। आपको भले ही याद न हो लेकिन हक़ीक़त ये है कि मोदी ने पिछले साल भी इस दिन की मुबारकबाद दी थी।

दरअसल 23 मार्च 1940 को मुस्लिम लीग के लाहौर अधिवेशन में मौलाना फ़ज़लुल हक़ ने पहली बार पाकिस्तान नाम के देश का प्रस्ताव रखा था इसलिये इस तारीख़ को पाकिस्तान डे मनाया जाता है। यानी आइडिया ऑफ पाकिस्तान के दिन के लिए गुड विशेज़। वैरी गुड है जी। जान लीजिये जिन फ़ज़लुल हक़ ने यह आइडिया रखा ये वही हक़ हैं जिनकी बंगाल सरकार में अगले ही साल 1941 में डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी मंत्री बन गए थे।

(हमारे मुल्क़ के लिये यही 23 मार्च भगत सिंह और साथियों की शहादत का दिन है।)

अब आप याद कीजिये कि इससे पहले कब कब किसने पाकिस्तान दिवस की बधाई दी? पहले भी दी तब भी

हमें फिर भी ऐतराज नहीं है। सोचना उन्हें है जो दिन रात पाकिस्तान की तरफ़ मुंह करके आग उगलते रहते हैं।

◆ #मोदी_के_शपथ_समारोह_में_मेहमान_बने_नवाज़

नरेंद्र मोदी जब पहली बार प्रधानमंत्री बने तो शपथ समारोह के ख़ास मेहमान बने थे पाकिस्तान के मुखिया नवाज़ शरीफ़। लाल कालीन बिछा।दोनों बहुत गर्मजोशी से मिले ,छाती पान हुआ और दोस्ती के तूमार बांधे गए। नवाज़ की अम्मी के लिये मोदी ने शॉल भेंट की।

इससे पहले कब किस प्रधानमंत्री की शपथ में पाकिस्तान का कोई प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति आया कृपया बताइयेगा?

(पठानकोट, उड़ी,पुलवामा सब इसके बाद हुये।)

◆ #बिन_बुलाये_दौड़_कर_पाकिस्तान_गए_मोदी

नरेंद्र मोदी देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जो बिना बुलाये नवाज़ शरीफ़ के एक घरेलू जलसे शामिल होने पहुंच गए थे। अफगानिस्तान की आधिकारिक यात्रा से लौटते वक्त उनका जहाज़ अचानक लाहौर में उतर गया।

नवाज़ की हवेली पर पहुंचे, गलबहियां कीं। अम्मी जान को पैरी पाउना किया,खीर मालपुए खाये और आ गए।

इस यात्रा के चंद घंटे पहले तक पाकिस्तान को बिना पानी पिये कोसने वाले आई टी सेल ने इसके क़सीदे काढ़े, बधाईयां गायीं गयीं। खप्पर खड़ताल लेकर सरकार और सरकार के चारणों ने इसे मास्टर स्ट्रोक बताते हुए भांगड़ा-गिद्दा डाला।

याद रखिये कि डॉ मनमोहन सिंह दस साल प्रधानमंत्री रहे और एक बार भी पाकिस्तान नहीं गए। संयोग से मनमोहन का जन्म स्थान पाकिस्तान में ही है।

◆ #पठानकोट_की_जांच_में_आईएसआई_अफ़सर

याद है 2 जनवरी 2016 को पठानकोट के सैन्य अड्डे पर बड़ा आतंकवादी हमला हुआ। इसमें हमारे सात जवान शहीद हुये और भारी नुकसान हुआ था।

तो यह भी याद होगा कि इस हमले की जांच करने मार्च 2016 में पाकिस्तान से ज्वाइंट इंवेस्टीगेटिव टीम आई थी।

तो यह भी याद होगा कि इस टीम में आईएसआई का एक अफ़सर शामिल था। वो बाकायदा हमारे पठानकोट एयरबेस में तफ़री करके,बिरयानी डकार कर गया।

कोई चोरी छुपे नहीं। बाक़ायदा मोदी सरकार की जानकारी में।

आईएसआई के बारे में जानते तो हैं न। वही जो भारत में आतंकवाद को पालती पोसती है।

आज़ादी के बाद यह पहली बार हुआ कि आईएसआई का एजेंट एक आतंकी हमले की जांच टीम में सीना तान कर आया।

आपकी देशभक्ति,पाकिस्तान विरोध नींद की गोली खाये बेसुध पड़ी रही।

है न.!

◆ #और_अब_मिलकर_जंग_की_कसरत_करेंगे

सन 1947 से अब तक चार खुली जंग लड़ चुके भारत-पाकिस्तान अब एक साथ युद्धाभ्यास करने वाले हैं।

संघाई सहयोग संगठन के बैनर तले पाकिस्तान के पब्बी क्षेत्र में यह युद्धाभ्यास होगा।

यह उस पाकिस्तान के साथ हो रहा है जिसने बीते छह सात सालों में सीमा पर संघर्ष विराम का सबसे ज्यादा उल्लंघन किया है।

जिसके साथ नियंत्रण रेखा पर सबसे ज्यादा सैनिक इन्हीं छह सालों में शहीद हुए हैं।

यह उसके साथ हो रहा है जिस पर पुलवामा का आरोप है और जिसकी जांच क़ायदे से कभी नहीं हुई और न मोदी सरकार ने कभी कोई दिलचस्पी दिखाई।

◆#और_आप_तो_आप_हैं_आपसे_क्या_कहें..

पाकिस्तान और प्रकारांतर से मुसलमान ग्रन्थि या इस्लामो फोबिया में पगलाए आप आंखों पर पट्टी बांध ताली या गाली देने में लगे रहते हैं।

जब चाभी घुमा कर पाकिस्तान के लिए ताली बजाने का इशारा होता है तो मशीनी गुड्डे-गुड़िया की तरह मास्टर स्ट्रोक की राग माला पर ताली पीटने लगते हैं।

जब दुबारा चाभी भरी जाएगी तो अगले चुनाव से पहले इसी पाकिस्तान के नाम पर आप गाली देने लगेंगे।

क्योंकि आप तो आप हैं...आपसे क्या कहें...!

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