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मुखबिरों(व्हिसलब्लोअरों) को अधिक कानूनी सुरक्षा मुहैया कराने के लिए जर्मन में एक कानून पास कर दिया गया है। 2019 के एक निर्देश के तहत यूरोपीय संघ का भी जर्मनी पर दबाव था। नागरिक समाज संगठन नये बिल को नाकाफी बताकर उसकी आलोचना कर रहे हैं। इस बारे में यूरोपीय संघ की ओर से भी स्पष्ट निर्देश दिए गए थे. 2021 में ही जर्मन कानून में उन्हें लागू कर दिया जाना चाहिए था, लेकिन पूर्ववर्ती सरकार कानून में बदलावों को लेकर किसी समझौते पर नहीं पहुंच सकी थी। संघीय न्याय मंत्री और फ्री डेमोक्रेट्स (एफडीपी) पार्टी के नेता मार्को बुशमान ने इस बिल का ड्राफ्ट तैयार किया है। इसके जरिए उन लोगों को सुरक्षा देने की व्यवस्था है जो निगमों या सार्वजनिक प्रशासन में गलत व्यवहार, पद का दुरुपयोग, और दूसरे किस्म के उल्लंघनों का पर्दाफाश करते हैं। बुशमान ने कहा, "कंपनियों और सार्वजनिक कार्यालयों के कर्मचारी, समस्याओं और शिकायतों को अक्सर सबसे पहले रेखांकित कर देते हैं और वे ही यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि कानून के उल्लंघन के मामलों का पता चल सके, उनकी जांच हो, मुकदमा चले और वे मामले रुक सकें।"
मौजूदा कानून के तहत अभी तो स्थिति यह है कि दुर्व्यवहार या पद के दुरुपयोग की खबर देने वाले व्हिसलब्लोअर खुद को अच्छे खासे जोखिम में डाल रहे हैं। कानून के तहत बचाव हासिल करने के लिए व्हिसलब्लोअरों को या तो कंपनियों और सार्वजनिक प्रशासन में अंदरूनी रिपोर्टिंग ऑफिसों से संपर्क करना होगा या संघीय और राज्य सरकार के बाहरी रिपोर्टिंग ऑफिसों से। 50 या उससे अधिक कर्मचारी वाली कंपनियों को किसी किस्म का आंतरिक रिपोर्टिंग सिस्टम बनाना होगा. 250 से कम कर्मचारी वाली कंपनियां लागत कम करने के लिए दूसरे मध्यम आकार के नियोक्ताओं के साथ साझेदारी में ये सिस्टम बना सकती हैं। नया कानून व्हिसलब्लोअरों को विशेष तौर पर, बदले की कार्रवाइयों से बचाव मुहैया कराता है. जैसे कि नौकरी से निकालने का मामला हो, चेतावनी देना, अनुशासनात्मक कार्रवाई करना, पक्षपात करना, धमकाना या प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना हो। बदले की कार्रवाई के मामलों में व्हिसलब्लोअर अपने नियोक्ताओं के खिलाफ कानूनी दावे ठोक सकते हैं। न्याय मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि अगर दुर्व्यवहार का कोई "वैधानिक औचित्य" ना बन रहा हो तो कानून लागू नहीं होगा। ड्राफ्ट बिल के मुताबिक प्रेस को सौंपे साक्ष्य की सुरक्षा सिर्फ असाधारण मामलों में ही की जा सकेगी. यही बात सोशल मीडिया पर प्रकाशित आरोपों पर भी लागू होगी। बिल के मसविदे के मुताबिक, उसका लक्ष्य उन बचावों को और "विस्तृत" बनाने का है जो अब तक "आधे-अधूरे और अपर्याप्त" थे। जर्मन फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स (डीजेवी) और ट्रांसपेरंसी जर्मनी जैसे नागरिक समाज संगठनों ने प्रस्तावित कानून को नाकाफी बताया है।
डीजेवी के राष्ट्रीय अध्यक्ष फ्रांक इयुबेरॉल ने कहा कि सभी व्हिस्लब्लोअरों को सुरक्षा पाने का हक है. "इससे फर्क नहीं पडना चाहिए कि उन्होंने कानून के कौन से उल्लंघन का पर्दाफाश किया है." उनका कहना है कि कुछ उल्लंघन औपचारिक रूप से कानूनी ना होकर सिर्फ नाजायज व्यवहार के अन्तर्गत हो सकते हैं, लेकिन व्हिसलब्लोअरों को बेरोकटोक और निर्भयता से उन्हें भी सार्वजनिक करने में सक्षम होना चाहिए। ट्रांसपेरंसी जर्मनी के व्हिसलब्लोअर बचाव समूह के कर्ताधर्ता सेबस्टियान ओएलरिष कहते हैं कि वर्गीकृत यानी खुफिया सूचना को अकसर बचाव से बाहर रखा जाता था. लेकिन इस किस्म के उल्लंघनों की रिपोर्ट, आंतरिक रिपोर्टिंग ऑफिस में दर्ज कराना काफी नहीं होता. अमेरिका में एडवर्ड स्नोडन का मामला, इस बात का एक बड़ा उदाहरण है.