- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
राष्ट्रीय
पाकिस्तान सरकार दे सईद के खिलाफ सबूत नहीं तो खत्म होगी नजरबंदी : लाहौर हाईकोर्ट
Arun Mishra
11 Oct 2017 1:05 PM GMT
x
File Photo
लाहौर हाई कोर्ट ने मंगलवार को मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खिलाफ पाकिस्तान सरकार को जल्द सबूत सौंपने को कहा।
लाहौर : लाहौर हाई कोर्ट ने मंगलवार को मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खिलाफ पाकिस्तान सरकार को जल्द सबूत सौंपने को कहा। हाई कोर्ट ने कहा कि अगर पाकिस्तान सरकार मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खिलाफ सबूत दाखिल नहीं करती है तो उसकी नजरबंदी रद्द कर दी जाएगी।
आपको बता दे कि जमात उद-दावा का प्रमुख हाफिज सईद 31 जनवरी से ही नजरबंद है और लाहौर हाई कोर्ट में उसको नजरबंद रखने के खिलाफ एक याचिका दायर की गई थी। दायर याचिका पर आज सुनवाई थी पर सरकार की तरफ से गृह सचिव उसकी हिरासत से संबंधित मामले के पूरे रेकॉर्ड के साथ अदालत में पेश नहीं हुए।
सरकार की तरफ से कहा गया इस्लामाबाद में अपरिहार्य सरकारी जिम्मेदारी के चलते गृह सचिव पेश नहीं हो पाए। जिस पर जस्टिस सैयद मजहर अली अकबर नकवी ने कहा, 'सरकार का बर्ताव दिखाता है कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ सरकार के पास कोई ठोस सबूत नहीं है। अदालत के सामने अगर कोई ठोस सबूत नहीं पेश किया गया तो याचिकाकर्ताओं की हिरासत रद्द कर दी जाएगी।'
सरकार की दलीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई 13 अक्टूबर तक टाल दी। सईद के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को गलत आरोपों और जल्दबाजी में हिरासत में लिया गया। सईद के वकील ने ये भी कहा कि सिर्फ कयासों के आधार पर किसी को हिरासत में नहीं रखा जा सकता जबकि उसके खिलाफ ठोस सबूत ना हों। बता दें कि पंजाब प्रांत की सरकार पहले ही हाईकोर्ट से यह कह चुकी है कि हाफिज सईद पब्लिक सेफ्टी के लिए खतरा है।
सईद के साथ ही उसके चार साथियों अब्दुल्ला उबैद, मलिक जफर इकबाल, अब्दुल रहमान आबिद और काजी काशिफ हुसैन को 31 जनवरी को हिरासत में लिया गया था। करीब नौ महीने से ये सभी हाउस अरेस्ट में हैं।
Next Story