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25 हजार परिवारों को रोजगार देना वाली एक पंचर पुत्र की कंपनी HMA एग्रो इंडस्ट्री
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जिस भारत की 75% से ज्यादा आबादी मांसाहारी हो वहां पर जब भी मीट इंडस्ट्री के बारे में बात होती है तो एक्सपोर्ट के मामले में HMA एग्रो इंडस्ट्री के बिना हर बात अधूरी है। यूपी आगरा के रहने वाले हाजी मोहम्मद आशिक कुरैशी द्वारा स्थापित इस कंपनी को अब उनके परिवार की दूसरी पीढ़ी संभाल रही है।
मौजूदा समय में 5000 करोड़ से ज्यादा की वैल्यू वाली कंपनी HMA एग्रो इंडस्ट्री के चेयरमैन गुलजार अहमद है जिनके पास कंपनी के 32 फीसदी शेयर मौजूद है। वाजिद अहमद और गुलजेब अहमद भी डायरेक्टर की भूमिका के साथ अपनी इस कंपनी में डायरेक्टर की हैसियत से कार्यरत हैं।
राइट विंग भक्त, HMA एग्रो इंडस्ट्री के बारे में सुनते ही कहेंगे कि बीफ एक्सपोर्ट के मामले में तो मियां ही सबसे आगे होगा न मगर वो भूल जाते है कि इस कंपनी के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर में अमित गोयल, स्वप्नला गुप्ता और गौरव लूथरा भी शामिल हैं।
HMA एग्रो इंडस्ट्रीज के बारे में एक बात अच्छे से जान लीजिए कि ये कंपनी भारत में भैंस के मांस का एक प्रमुख निर्यातक है। फ्रोजेन फ़ूड (बीफ) के एक्सपोर्ट में पूरे भारत के एक्सपोर्ट का 10% से अधिक हिस्सा केवल इसी कंपनी के पास है। HMA एग्रो खुद के ब्रांड के साथ फ्रोजेन मीट 40 से अधिक देशों में निर्यात करता है।
अभी एक साल पहले ही HMA एग्रो ₹480 करोड़ के IPO के BSE में लिस्ट हुआ था। ये अपने आप में पहली बार था कि कोई बीफ एक्सपोर्ट वाली कंपनी ने खुद को शेयर मार्किट में लिस्ट करवाया हो। कंपनी के सबसे मशहूर उत्पादों में "ब्लैक गोल्ड", "कामिल" और "एचएमए" ब्रांड नाम के तहत पैक कर के दुनिया भर के देशों में एक्सपोर्ट किया जाता है।
राइट विंग भक्तों के "करेजा" पर मूंग दलते हुए कंपनी के अलीगढ़, मोहाली, आगरा और परभणी में चार पूर्ण रूप से सुचारु बहुत बड़े मीट प्रोसेसिंग प्लांट हैं और इसके साथ ही कंपनी हरियाणा में पांचवीं मीट उत्पाद प्रोसेसिंग इकाई स्थापित करने की प्रक्रिया में है।
कंपनी वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही तक यूपी उन्नाव में एक अतिरिक्त प्लांट का अधिग्रहण करने की प्रक्रिया में है। इससे वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही तक छह अलग-अलग स्वामित्व वाले प्लांटों में कुल इन-हाउस मीट उत्पाद प्रोसेसिंग क्षमता 4,00,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष से अधिक हो जाएगी।
इतनी बड़ी एक्सपोर्ट कंपनी HMA एग्रो ग्रुप में में कुल 25000 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। सोचिये जब देश में बेरोजगारी का संकट गहराया हुआ है ऐसे में 25000 से अधिक परिवारों का चूल्हा केवल एक मुसलमान की कंपनी HMA एग्रो ग्रुप की वजह से चलता है।
दो रुपल्ली से गुजारा करने वाले राइट विंग के जमूरे क्या जाने कि इतने बड़े पैमाने पर एक्सपोर्ट की वजह से देश में कितने लाख डॉलर का आगमन होता है जो देश की इकोनॉमी को बूस्ट करने के लिए अहम भूमिका निभाता है।
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