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ब्रिटेन में ऋषि सुनक और लिज ट्रस के बीच प्रधानमंत्री की कुर्सी को लेकर टकराव जारी

News Desk Editor
26 July 2022 5:12 PM IST
ब्रिटेन में ऋषि सुनक और लिज ट्रस के बीच प्रधानमंत्री की कुर्सी को लेकर टकराव जारी
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ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के इस्तीफा देने के बाद उनकी कुर्सी पर बैठने के लिए नेताओं के बीच रस्साकशी जारी है।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के इस्तीफा देने के बाद उनकी कुर्सी पर बैठने के लिए नेताओं के बीच रस्साकशी जारी है। ऋषि सुनक और लिज़ ट्रस के बीच मीडिया क्रार्यक्रमों में ज़ोरदार बहस जारी है। एक प्रोग्राम में ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक और विदेश मंत्री लिज़ ट्रस आमने-सामने थीं। बोरिस जॉनसन का उत्तराधिकारी बनने के लिए बचे दोनों ही उम्मीदवार ने एक-दूसरे पर कई तीखे हमले किए और अपनी बात भी इस देश की जनता तक पहुंचाई।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के इस्तीफ़े के बाद पहले यह लग रहा था कि इस बार ब्रिटेन का प्रधानमंत्री भारतीय मूल के ऋषि सुनक ही बनेंगे, लेकिन ताज़ा सर्वे ने सुनक के प्रधानमंत्री बनने के दावे को सुस्त कर दिया है। इस सप्ताह की शुरुआत के आंकड़े बताते हैं कि लिज़ ट्रस आगे बढ़ सकती हैं। वहीं बीती रात दोनों नेताओं के बीच जमकर बहस हुई। दोनों ने एक दूसरे को इकॉनमी पर घेरा। सुनक ने ट्रस से कहा कि उनकी कर कटौती की योजना लाखों लोगों को दुख में मार डालेगी और अगले चुनाव में कंज़र्वेटिव्स को इसकी क़ीमत चुकानी पड़ेगी। दूसरी ओर ट्रस ने दावा किया कि सुनक की प्लानिंग से देश में मंदी आ जाएगी। विदेश सचिव और पूर्व चांसलर, जो तीन हफ़्ते पहले तक एक ही कैबिनेट में थे। एक दूसरे से अच्छे संबंध रखते थे, लेकिन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की जारी रेस में अब दोनों एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।

इससे पहले ऋषि सुनक ने चीन को सबसे बड़ा दीर्घकालिक ख़तरा बताया था। वह जल्द ही सभी 30 कन्फ्यूशियस संस्थानों को बंद करके देश की सॉफ्ट पावर पर अंकुश लगाने की योजना का ख़ुलासा करेंगे। दावा किया जाता है कि यह संस्थान ब्रिटेन में चीनी भाषा के शिक्षण और संस्कृति को बढ़ावा देती हैं। द गार्जियन के मुताबिक़, वह विदेश सचिव और पश्चिमी नेताओं पर 'चीन की नापाक गतिविधियों और महत्वाकांक्षाओं के लिए आंखें मूंद लेने' का आरोप लगाते हुए कंज़र्वेटिव नेतृत्व की दौड़ में शामिल अपनी प्रतिद्वंद्वी लिज़ ट्रस का सामना करेंगे और एक नए नाटो-गठबंधन की स्थापना का आह्वान करेंगे।

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