- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दिकी की हत्या
अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दिकी की हत्या क्र दी गई है. पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित दानिश समाचार एजेंसी रॉयटर्स में फोटो जर्नलिस्ट थे. जो कवरेज के लिए कुछ दिनों से अफगानिस्तान में थे.
अफगानिस्तान के समाचार चैनल टोलो न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सिद्दीकी की मौत स्पिन बोल्डक इलाके (Spin Boldak Area) में हुई है. जो कंधार प्रांत में स्थित है. यहां इस समय भीषण हिंसा हो रही है. सिद्दिकी बीते कुछ दिनों से कंधार में जारी हालात की कवरेज कर रहे थे.
उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक टेलीविजन समाचार संवाददाता के रूप में की थी और बाद में वह फोटो जर्नलिस्ट बन गए. साल 2018 में सिद्दिकी अपने सहयोगी अदनान आबिदी के साथ पुलित्जर पुरस्कार जीतने वाले पहले भारतीय बने थे. इन्होंने रोहिंग्या शरणार्थी संकट को कवर किया था. वहीं कंधार में जारी हिंसा की कवरेज के जुड़ी जानकारी वह अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लगातार शेयर कर रहे थे. 13 जून को उन्होंने जानकारी दी थी कि वह जिस वाहन में सवार थे, उसपर कई हथियारों से हमला किया गया. अपने ट्वीट में सिद्दिकी ने लिखा था, 'मेरी किस्मत अच्छी रही कि मैं सुरक्षित हूं और मैंने एक रॉकेट को आर्मर प्लेट के ऊपर से जाते हुए देखा.'
जानकारी के मुताबिक दानिश सिद्दिकी की मौत उस समय हुई जब तालिबान और अफगान सरकार के सुरक्षाबलों के बीच जंग हो रही थी (Taliaban Afghanistan Fight). जो अब भी जारी है. विदेशी सैनिक 20 साल चली लड़ाई के बाद अफगानिस्तान से जा रहे हैं, जिसे तालिबान अपनी जीत के तौर पर देख रहा है और लगातार देश के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिस्सों पर कब्जा करता जा रहा है. बीते दिनों तालिबान ने दावा किया था कि उसने देश के 85 फीसदी हिस्से को अपने कब्जे में ले लिया है.
तालिबान ने देश के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में स्थित कई जिलों और बॉर्डर क्रॉसिंग को अपने कब्जे में ले लिया है. सरकार का आरोप है कि तालिबान ने 34 प्रांतों में से 29 में मौजूद हजारों सरकारी इमारतों को क्षति पहुंचाई है (Violence in Afghanistan). जबकि तालिबान ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है. अफगान सरकार के वरिष्ठ अधिकारी नादेर नादेरी ने काबुल में कहा कि सुरक्षाबल तालिबान को पीछे खदेड़ने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि उसके कब्जे वाले जिलों को दोबारा अपने नियंत्रित में लिया जा सके.