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नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए चीन के 59 एप्प पर बैन लगा दिया है. इस मामले से चीन बौखला गया है. जो चीन अपने देश में गूगल और माइक्रोसॉफ्ट को अपने सर्वर पर खुलने भी नहीं देता अब वही चीनी एप पर बैन से बौखलाया हुआ है. भारत में चीनी दूतावास ने इसे लेकर आपत्ति दर्ज कराई है. एंबेसी के प्रवक्ता जी रान्ग (Ji Rong) ने कहा कि चीनी पक्ष गंभीरता से चिंतित है और इस तरह की कार्रवाई का दृढ़ता से विरोध कर रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि कुछ चीनी एप को टारगेट किया गया है. भारत का मापदंड चुनिंदा और भेदभावपूर्ण है. यह कदम उचित और पारदर्शी प्रक्रियाओं के विरुद्ध है. इसके साथ ही यह विश्व व्यापार संगठन के नियमों का उल्लंघन भी है. यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और ई-कॉमर्स की सामान्य प्रवृत्ति के खिलाफ भी है, और उपभोक्ता हितों और भारत में बाजार की प्रतिस्पर्धा के लिए अनुकूल नहीं है.
59 चीनी एप बैन
भारत सरकार ने सोमवार को चीन को बड़ा झटका देते हुए यूसी ब्राउजर, टिकटॉक, शेयर इट सहित 59 चीनी मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि 59 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाने का फैसला उसके 'चीन के सामान का बहिष्कार' अभियान के लिए एक बड़ा समर्थन है.
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने एक बयान में कहा, ''इस अभूतपूर्व कदम से कैट के 'चीन का बहिष्कार'अभियान को मजबूत करने में काफी मदद मिलेगी. चीन का बहिष्कार आंदोलन अब वास्तव में एक राष्ट्रीय वास्तविकता है और भारत के सात करोड़ व्यापारी केंद्र सरकार के साथ एकजुटता से खड़े हैं.''
शेयरचैट के निदेशक (सार्वजनिक नीति) बर्जेस मालू ने भी इस कदम का स्वागत किया. उन्होंने कहा, ''गोपनीयता, साइबर सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर जोखिम बन चुके प्लेटफार्मों के खिलाफ सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है. हमें उम्मीद है कि सरकार भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को अपना समर्थन जारी रखेगी.''