- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- Shopping
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
पाकिस्तान में जबरदस्त बारिश और बाढ़ से अब तक पांच सौ से अधिक मरे
बरसात के मौसम में भारी बारिश और बाढ़ का कहर पाकिस्तान में बरस रहा है जिसमें अब तक पांच सौ लोगों की मौत हो चुकी है।
पाकिस्तान के प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए जिम्मेदार विभाग, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने कहा कि लगातार और भारी मानसूनी बारिश और उसके बाद आई बाढ़ के कारण देश के अलग-अलग हिस्सों में मरने वालों की कुल संख्या अब 502 पहुंच गई है. देश के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। एनडीएमए के मुताबिक मरने वालों में 98 महिलाएं और 191 बच्चे शामिल हैं. कुल मिलाकर इन बारिशों, बाढ़ और भूस्खलन के कारण 40,000 घर पूरी तरह या आंशिक रूप से नष्ट हो गए, जबकि 2,500 किलोमीटर से अधिक सड़कें गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गईं।
एनडीएमए ने पाकिस्तान के अलग-अलग प्रांतों से प्राकृतिक आपदाओं से जुड़ी घटनाओं के कारण जान-माल के नुकसान के संबंध में ताजा रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि गांवों में हजारों लोग फंसे हुए हैं और बाढ़ के पानी के कारण उन्हें स्वच्छ पेयजल नहीं मिल पा रहा है और ऐसे में उन्हें पानी से जुड़ी बीमारी होने का खतरा है। बाढ़ के कारण बलूचिस्तान और सिंध प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. वहां अचानक आई बाढ़ से सैकड़ों नागरिकों की मौत हो गई और सार्वजनिक ढांचों को नुकसान भी हुआ है। हाल के हफ्तों में पाकिस्तान में इतनी भारी बारिश हुई है कि उन्हें पहले कभी दर्ज नहीं किया गया है. इस कारण से इस दक्षिण एशियाई देश में जलवायु परिवर्तन और मौसमी बदलाव के विनाशकारी प्रभावों के बारे में चिंता बहुत अधिक हो गई है।
एनडीएमए के मुताबिक देश की सेना के जवान और पाकिस्तान में सहायता एजेंसियों के कार्यकर्ता बाढ़ के पानी से प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दूषित पानी से फैलने वाली बीमारियों के शिकार होने वाले लाखों बच्चों समेत कई लाखों नागरिकों के जोखिम में भी काफी वृद्धि हुई है।
हाल के सालों में पाकिस्तान जलवायु परिवर्तन, कठोर मौसम, अचानक बाढ़, अत्यधिक गर्मी की लहरों, सूखे और गंभीर वायु प्रदूषण से जूझता रहा है। उत्तरी पाकिस्तान में हसनाबाद के पास इसी साल मई में एक ग्लेशियर के टूटने से कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे. इसके अलावा दो पनबिजली संयंत्र और एक पुल ध्वस्त हो गए थे।
अप्रैल में, पाकिस्तान में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ी और तापमान 49 डिग्री सेल्सियस तक चला गया. इस तापमान की वजह से पहाड़ों पर बर्फ पिघलने लगी और पानी आकर प्राकृतिक बांधों में जमा हो गया. बांधों में बहुत ज्यादा पानी भर जाने के कारण बांध टूटने लगे।