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जाको राखे साइयां, मार सके न कोय, भूकंप के 28 घंटे बाद मलबे में मां-बेटी जिंदा मिलीं
पूर्वी तुर्की में आए भूकंप में रविवार को दो शव मिलने के बाद मरने वालों की तादाद 31 हो गई है। शुक्रवार की शाम 8 बजे आए भूकंप में करीब 1556 लोग जख्मी हुए हैं। बचाव कार्य अभी भी जारी है। इससे पहले शनिवार देर रात रेस्क्यू टीम ने एक इमारत से 35 साल की मां और दो साल की बेटी को निकाला। दोनों 28 से ज्यादा घंटों से मलबे के बीच दबी थीं। दोनों को चोटें आई हैं।
रेक्स्यू टीम ने बताया कि लोगों को खोजने के दौरान इमारत से बचाने की आवाज आई। पहले बेटी और फिर मां को बाहर निकाला गया। बचावकर्मी मलबे को हटाकर आइस यिल्डिज और उनकी दो साल की बेटी यूसरा तक पहुंचे। सुरक्षित बाहर निकालने के बाद दोनों को अस्पताल भेज दिया गया। इधर, प्रशासन ने पीड़ितों के लिए 9500 अस्थायी टेंट और 17000 लोगों के खाने की व्यवस्था की है। तुर्की के गृह मंत्री सुलेमान सोयलू ने मृतकों की संख्या में इजाफा होने की आशंका जाहिर की है। अत्यधिक ठंड राहत काम में मुश्किल डाल रही है। रविवार को तापमान -5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
भूकंप का केंद्र पूर्वी तुर्की में स्थित एलाजिग प्रांत के सिवरिस कस्बे में था। शुक्रवार शाम को भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.8 दर्ज की गई थी। इसका दायरा सिवरिस शहर में 10 किलोमीटर के क्षेत्र में ज्यादा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 40-40 सेकंड्स के अंतर में 60 झटके महसूस किए गए थे। भूकंप के झटके तुर्की के पड़ोसी देश ईरान, सीरिया और लेबनान में भी महसूस किए गए थे।
21 साल पहले भूकंप में गई थी 18000 की जान
तुर्की में सबसे खतरनाक भूकंप 1999 में आया था, तब यहां 18 हजार लोगों की मौत हुई थी। 10 साल पहले एलाजिग में 6 तीव्रता के भूकंप से 51 लोगों की जान चली गई थी। तुर्की में 22 जनवरी को भी भूकंप आया था। मणिसा प्रांत के कर्कगाक और अखीसर शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। तब रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.4 दर्ज की गई थी। जान-माल का नुकसान नहीं हुआ था।