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न्यूज़ीलैंड आतंकवादी हमला: मोदी क्यों पीछे रह जाते हैं मानवता के प्रदर्शन में!
प्रियभांशु रंजन
न्यूज़ीलैंड के क्राइस्टचर्च में दो मस्जिदों में हुए हमले में दर्जनों लोग आतंकवादी की गोलियों के शिकार हुए. 49 जानें गयीं. दुनिया भर में इस दर्दनाक हादसे से शोक की लहर दौड़ गई और तमाम देशों के राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों और नेताओं ने ट्विटर पर अपनी शोक संवेदना ज़ाहिर की.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी दुख की इस घड़ी में न्यूज़ीलैंड की जनता के साथ खड़े हुए.प्रधानमंत्री मोदी ने न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न को पत्र लिखकर अपनी संवेदना प्रेषित की जिसे विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मीडिया को इसकी जानकारी दे कर रस्म अदायगी कर दी.
लेकिन मोदी ने अपने निजी या पीएमओ के ट्विटर हैंडल से एक शब्द भी नहीं कहा इस हादसे पर. न जाने कौन सी ग्रंथी है इनके अंदर जो इन्हें एक उदार मानवतावादी बनने से रोकती है. यहां ये भी बताता चलूं कि न्यूजीलैंड की संसद ने पुलवामा हमले की निंदा और शोक का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया था. फिर भारतीय संवेदना में इतनी देरी क्यों?