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कोरोना संकट के बीच पाकिस्तान की नापाक हरकत, निगरानी सूची से हटाए 18 सौ आतंकियों के नाम
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कोरोना वायरस (Coronavirus) के चक्रव्यूह में फंसकर पूरी दुनिया त्राहिमाम कर रहा है, लेकिन बावजूद इसके पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. आतंकवाद की सरपरस्ती करने वाले पाकिस्तान ने नई साजिश रचते हुए 1800 आतंकियों को निगरानी सूची से हटा दिया है. उसने कोरोना की आड़ में अपनी नापक चाल चली है. हटाए गए आतंकवादियों में मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर जकी उर रहमान भी शामिल है. अमेरिका के नियामक प्रौद्योगिकी कंपनी कास्टेलम डॉट एएल ने पाकिस्तान को बेनकाब करते हुए इसकी जानकारी दी है.
इस कंपनी के मुताबिक एनसीटीए (राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधी प्राधिकरण) लिस्ट से 18 सौ नाम को पाकिस्तान ने हटा लिया है. अब इसमें 3,800 नाम रह गए हैं. कास्टेलम के डाटा के अनुसार मार्च की शुरुआत से आतंकियों के नामों को हटाया जा रहा है. पाकिस्तान ने एनसीटीए को बनाया है. इसका मकसद वित्तीय संस्थानों को संदिग्ध आतंकवादियों के लेनदेन के प्रसंस्करण या व्यापार से बचने में मदद करना है. इस सूची में 7,600 लोगों के नाम शामिल थे. लेकिन 18 महीनों में इस लिस्ट में सिर्फ 38 सौ नाम रह गए हैं.
'कास्टेलम' द्वारा एकत्रित आंकड़ों के अनुसार मार्च की शुरुआत से करीब 1800 नाम इस सूची से हटाए गए. उसने कहा कि पाकिस्तान फिलहाल पेरिस स्थित वित्तीय कार्यबल (एफएटीएफ) के साथ मिलकर तय की गई कार्ययोजना को क्रियान्वित करने का काम कर रहा है, जिसमें 'लक्षित वित्तीय प्रतिबंधों का प्रभावी कार्यान्वयन' शामिल है.
यह संभव है कि ये नाम एफएटीएफ के सुझाव को लागू करने की पाकिस्तान की कार्ययोजना के तहत हटाए गए हों. एफएटीएफ इस दिशा में उठाए पाकिस्तान के कदमों का एक बार फिर जून 2020 में आकलन करेगी.
बता दें कि पाकिस्तान एफएटीफ की 'ग्रे' सूची में है और बीते कुछ महीनों से कोशिश कर रहा है कि उसका नाम ऐसे देशों की सूची में ना आ जाए जिनके बारे में माना जाता है कि वे धन शोधन रोधी नियमों और आतंकवाद के वित्त पोषण संबंधी नियमों का पालन नहीं करते हैं.