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पाक : इमरान सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल, शेख रशीद बने गृहमंत्री, भारत को दी थी ये गीदड़ धमकी

Arun Mishra
12 Dec 2020 10:33 AM GMT
पाक : इमरान सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल, शेख रशीद बने गृहमंत्री, भारत को दी थी ये गीदड़ धमकी
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इस्लामाबाद. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खानने शुक्रवार को अदालत के निर्देशों पर अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया है जिसमें बिना चुने हुए सलाहकारों और विशेष सहायकों को कैबिनेट कमेटियों के अध्यक्ष बनने से रोकने की बात कही गई है. 2018 में प्रधानमंत्री इमरान खान के सत्ता में आने के बाद यह उनका चौथा कैबिनेट परिवर्तन है. यह बदलाव इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के हालिया फैसले में गैर-निर्वाचित सलाहकारों और विशेष सहायकों को मंत्रिमंडल की कमेटियों के के अध्यक्ष बनाने पर रोक लगाने के बाद किया गया है. प्रधानमंत्री इमरान खान ने शेख राशिद अहमद को गृह मंत्री और डॉ. अब्दुल हफीज शेख को वित्त मंत्री नियुक्त किया है.

भारत को दी थी पाव भर का परमाणु बम बनाने की धमकी

पकिस्तान के सरकारी रेडियो ने बताया कि अहमद रेल मंत्री के रूप में मंत्रिमंडल का हिस्सा थे जिन्हें भारत की निंदा करने और बेवजह की डींगे मारने के लिए भी जाना जाता है. इस आदत के चलते वे बहुत बार अपनी और अपने देश की किरकिरी करवा चुके हैं. भारत को धमकी देते हुए शेख राशिद अहमद ने कहा था कि पाकिस्तान परमाणु युद्ध नहीं चाहता, लेकिन अगर उस पर यह थोपा गया तो पाकिस्तान इसका जवाब देगा. भारत सुन ले कि पाकिस्तान के पास पाव और आधा पाव के एटम बम भी हैं, जो किसी खास जगह को निशाना बना सकते हैं.

भारत के पीएम मोदी का नाम लेते ही माइक में आ गया था करंट

अगस्त 2019 में उनका एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें भारत के प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेते ही उनके माइक में करंट आ गया था और भारत में उनका बहुत मजाक उड़ा था. 2019 में शेख रशीद की लंदन की सड़कों पर पिटाई भी हुई थी. एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद वे बाहर निकले तो उनके बयान से नाराज लोगों ने उन्हें घेर लिया और उन पर अंडे फेंके तथा उनके साथ धक्कामुक्की की.

हाफिज शेख को वित्त का दिया गया पदभार

जबकि हाफ़िज़ शेख वित्त और राजस्व विभाग में सलाहकार के रूप में सेवारत थे. हाफ़िज़ शेख निर्वाचित सदस्य नहीं हैं और वे कई समितियों का नेतृत्व नहीं कर सकते. उन्हें संविधान के अनुच्छेद 91 (9) के तहत मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था और फिलहाल वे छह महीने मंत्री के रूप में काम कर सकते हैं. पद पर बने रहने के लिए हाफ़िज़ शेख का नेशनल असेंबली या सांसद पद के रूप में चुन कर आना होगा. चुना जाना चाहिए। गौरतलब है कि शेख रशीद अहमद ब्रिगेडियर सेवानिवृत्त एजाज अहमद शाह जो अभी तक गृह मंत्री के पद पर कार्यरत थे, को अब मादक पदार्थों के नियंत्रण का मंत्रालय दिया गया है. आज़म खान को रेल मंत्रालय दिया गया है.

माना जा रहा है कि मार्च में हाफिज शेख को सीनेटर बनाया जाएगा जब उच्च सदन के लिए चुनाव होंगे. नए मंत्रिमंडल में सबसे उल्लेखनीय नाम अहमद का है, जिन्हें रेलवे के कामकाज में सुधार करने में विफल रहने के बावजूद, एक महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो गृह मंत्रालय का प्रभार दे दिया गया

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