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Pakistan Political Crisis : पाकिस्तान (Pakistan) में शनिवार (09-10 अप्रैल) की देर रात आखिरकार इमरान खान (Imran Khan) की सरकार का गो वेंट गॉन हो गया है। दिन भर चले हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद देर रात इमरान खान की सरकार के खिलाफ नैशनल असेंबली (National Assembly) में अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) पर वोटिंग हुई, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अविश्वास प्रस्ताव पर इस हार के साथ ही इमरान के प्रधानमंत्री के रूप में साढ़े तीन साल का कार्यकाल खत्म हो गया। इसके साथ ही इमरान खान पाकिस्तान के पहले ऐसे प्रधाानमंत्री बन गए हैं जिनकी सरकार अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग में हारने के कारण गयी है।
आपको बता दें कि इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (Tehrique e Insaf) के सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव पर हुई वोटिंग के दौरान हिस्सा नहीं लिया। अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग में इमरान खान की सरकार के खिलाफ 174 वोट पड़े थे।
आपको बता दें कि 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री चुने गए पूर्व क्रिकेटर (Cricketer) इमरान खान को आर्थिक मोर्चों पर कुप्रबंधन के आरोपों के कारण अविश्वास मत का सामना करना पड़ा है। यहां यह भी बात गौर करने वाली है कि अब तक कोई भी पाकिस्तानी अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है। इस कड़ी में अब इमरान खान का नाम भी जुड़ गया है। इन्हें भी साढ़े तीन साल में ही अपनी सत्ता गंवानी पड़ी है।
आपको बता दें कि पाकिस्तान में आजादी के बाद से ही वहां की सियासत में फौज का दबदबा रहा है। वहां अब तक चार सैन्य तख्तापलट हो चुके है। वहीं तख्तापलट की कई कोशिशें नाकाम भी हो चुकी है। पाकिस्तान में सत्ता लगभग तीन दशकों तक सैन्य तानाशाहों के अधीन रही है। आखिरी सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ थे जिन्होंने नवाज शरीफ की सरकार को 1999 में अपदस्थ कर सत्ता पर कब्जा जमा लिया था।
गौरतलब है कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग के दौरान सदन की अध्यक्षता करने वाले अयाज सादिक ने कहा है कि नए प्रधानमंत्री के चुनाव के लिए नामांकन पत्र रविवार दोपहर दो बजे तक दाखिल किए जा सकते हैं और इनकी जांच दोपहर तीन बजे तक की जाएगी। सादिक ने सोमवार सुबह 11 बजे एक बार फिर नेशनल असेंबली की बैठक बुलाने की घोषणा की।
इमरान खान सरकार के बहुमत खोने के बाद शहबाज शरीफ देश के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे यह भी लगभग तय हो गया है। पाकिस्तान की संयुक्त विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही इस बात की घोषणा कर दी थी कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष शहबाज शरीफ उनके प्रधानमी पद के लिए उनके संयुक्त उम्मीदवार होंगे।