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पीएम मोदी के सबसे ख़ास मित्र डोनाल्ड ट्रंप ने दिया भारत को बड़ा झटका,भारतीय को नौकरी पर नहीं रख सकेंगी अमेरिकी एजेंसियां

Shiv Kumar Mishra
4 Aug 2020 3:34 PM IST
पीएम मोदी के सबसे ख़ास मित्र डोनाल्ड ट्रंप ने दिया भारत को बड़ा झटका,भारतीय को नौकरी पर नहीं रख सकेंगी अमेरिकी एजेंसियां
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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे ख़ास मित्र अमेरिका के राष्ट्रपति Donald Trump ने अमेरिका में नौकरी की इच्छा रखने वाले भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स (IT Professionals) को एक बार फिर करारा झटका दिया है. Donald Trump ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत अब अमेरिका की सरकारी एजेंसियां H-1B वीजा धारकों को नौकरी पर नहीं रख सकेंगी. बता दें कि Donald Trump प्रशासन ने 23 जून को यह घोषणा की थी कि इस साल के अंत तक H-1B वीजा और अन्य वर्क वीजा के तहत किसी भी विदेशी को अमेरिका में नौकरी नहीं दी जाएगी. अमेरिका में इस साल चुनाव होना है और ट्रंप प्रशासन ने यह फैसला अमेरिकी वर्कर्स के हितों को बचाने के लिए लिया था.

अमेरिकी लोगों के लिए नौकरियों के लिए ट्रंप का फैसला

ट्रंप ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आज मैं कार्यकारी आदेश (executive order) पर हस्ताक्षर कर रहा हूं. जिसके बाद फेडरल सरकार अब अमेरिकियों को आसानी से नौकरी दे सकेगी. ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि उनका प्रशासन सस्ते विदेशी श्रमिकों के चलते अमेरिकियों का हक नहीं बर्दाश्त करेगा. ट्रंप ने कहा कि उनकी सरकार यह बर्दाश्त नहीं करेगी कि सस्ते विदेशी श्रमिकों के लिए कड़ी मेहनत करने वाले अमेरिकी नागरिकों को नौकरी से हटाया जाए. उन्होंने कहा, 'हमने तय किया है कि अब H-1B वीजा की वजह से किसी अमेरिकी वर्कर की नौकरी नहीं जाएगी. H-1B वीजा का इस्तेमाल बड़े पदों पर नियुक्ति के लिए किया जाएगा ताकि अमेरिकी लोगों के लिए नौकरियों के अवसर खोले जा सकें.'

यहां जानिए H-1B वीजा के बारे में सब कुछ...

>> अमेरिका में काम कर रही कंपनियां अगर किसी विदेशी व्यक्ति को नौकरी देना चाहती है तो कर्मचारी एचवनबी वीजा लेकर ही अमेरिका में किसी कंपनी में काम कर सकता है. भारत से बड़ी संख्या में आईटी प्रोफेशनल्स एचवनबी वीजा के साथ अमेरिका में काम करने जाते हैं.

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>> एचवनबी वीजा 3 साल के लिए दिया जाता है जिसे अधिकतम 6 वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है. एचवनबी वीजा खत्म होने के बाद आवेदकों को अमेरिका में नागरिकता के लिए आवेदन करना होता है. इसके लिए आवेदक को ग्रीन कार्ड दिया जाता है.

>> अगर एचवनबी वीजा खत्म होने के बाद आवेदक को ग्रीन कार्ड नहीं मिलता तो उसे अगले एक साल अमेरिका से बाहर रहना होगा और एक साल बाद फिर से एचवनबी वीजा के लिए आवेदन करना होगा.

>> यह वीजा काम करने और अमेरिका में स्थायी नागरिकता के आवेदन दोनों के लिए दिया जाता है. लेकिन आवेदक को वीजा खत्म होने से पहले ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन करना होगा.

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>> इसका सबसे बड़ा फायदा है कि इसके लिए कोई भी विदेशी आवेदन कर सकता है. इस वीजा के तहत वीजाधारक अपने बच्चों और पति/पत्नी को अमेरिका ला सकता है. वो भी उतने ही साल अमेरिका में रह सकते हैं जितना उनको लाने वाले वीजाधारक की वीजा अवधि है.

>> इस वीजा के बाद स्थायी नागरिकता के लिए आवेदन किया जा सकता है -इसका सबसे बड़ा अट्रैक्शन है कि इस वीजा के लिए लिए ज्यादा आवश्यकताएं नहीं है केवल बैचलर डिग्री और अमेरिका में काम करने वाली किसी कंपनी का ऑफर लैटर इसके लिए जरूरी है.

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