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पिछले पांच दिनों से श्रीलंका ( Sri Lanka ) में जारी विरोध प्रदर्शन ( Protest ) के सामने राष्ट्रपति गोटवाया राजपक्षे ( President Gotwaya Rajapaksha ) को झुकना पड़ा। उन्होंने भारी जन असंतोष को देखते हुए बीती रात आर्थिक आपातकाल ( Economic Emergency ) को हटाने का ऐलान कर दिया। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने 1 अप्रैल को आपातकाल ( Emergency ) लगा दिया था।
बता दें कि श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे ने आर्थिक आपातकालीन अध्यादेश ( Economic Emergency ) पांच अप्रैल की मध्यरात्रि को हटाने का ऐलान किया। इससे पहले सोमवार को उन्होंने अपने मंत्रिमंडली को भंग कर दिया था। फिलहाल, देश में महंगाई चरम पर है और अशांति की स्थिति है।
श्रीलंका में जारी भीषण आर्थिक संकट ( Financial Crisis) के बीच लोग राष्ट्रपति से पद छोड़ने की मांग कर रहे हैं। राष्ट्रपति राजपक्षे (Gotwaya Rajpaksha ) ने विपक्ष की मांग पर पद छोड़ने से साफ इनकार कर दिया है। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। शांति भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का ऐलान किया है। दूसरी तरफ उन्होंने संसद में 113 सदस्यों का बहुमत साबित करने वाले किसी भी दल को सत्ता सौंपने के संकेत भी दिए हैं। वहीं नवनियुक्त वित्त मंत्री अली साबरी ने दूसरे ही दिन इस्तीफा दे दिया।