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तालिबान का पाकिस्तान को दो टूक : पाकिस्तान हम पर तानाशाही नहीं कर सकता
काबुल, एजेंसी : तालिबान की तरफ से पाकिस्तान को करारा झटका लगा है। पाकिस्तान जो तालिबान को हमेशा अपना प्रतिनिधि बताता रहा आज उसके लिए तालिबान ने रास्ता साफ कर दिया है। भाजपा ने दो टूक शब्दों में पाकिस्तान को सबक सिखाया है। तहरीक-ए-तालिबान के इस बयान से भारत की कुछ चिंता जरूर कम हुई होगी। तालिबान ने भारत से निष्पक्ष रहने की अपेक्षा जताई है और अफगानिस्तान के लोगों का साथ देने की अपील की है, न कि किसी थोपी हुई सरकार का। तालिबान ने कहा हम उम्मीद करते हैं कि तालिबान और अफगानिस्तान के संघर्ष में भारत निष्पक्ष रहेगा।
तालिबान प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने पाक को दो टूक नसीहत देते हुए कहा, कि पाकिस्तान तालिबान पर तानाशाही नहीं चला सकता और न ही अपने विचारों को थोप सकता है। सुहैल ने इस मामले में भारत के प्रति निष्पक्ष रहने की उम्मीद जताई है।
पाकिस्तान के एक साक्षात्कार के दौरान सुहैल से जब पूछा गया कि क्या तालिबान पाकिस्तान की नहीं सुनना चाहता। इस पर उन्होंने कहा कि, हम आपस में भाईचारे का रिश्ता चाहते हैं। यदि हमारे साथ कोई अपनी नियमावली थोपना चाहता है तो यह हमारी प्रभुसत्ता के साथ अन्याय होगा
तालिबान प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान की मिट्टी का इस्तेमाल किसी शख्स या संगठन को नहीं करने दिया जाएगा। तहरीक-ए-तालिबान ने कहा कि, इस्लामिक एमिरेट की एक ही नीति है। तालिबान का यह बयान इसलिए खास है क्यों कि हाल में एक रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि तालिबान पाकिस्तान के आतंकियों के साथ मिलकर अफगानिस्तान में जंग लड़ रहा है। इस रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियां तालिबान के साथ अफगानिस्तान में भी सक्रिय हैं और पाकिस्तान के अंदर उसे ट्रेनिंग दे रही हैं। ऐसा ही सवाल अफगानिस्तान के राष्ट्रपति गनी ने किया था कि तालिबान की जंग देश के लिए है या किसी बाहरी के कहने पर चल रही है।
तालिबान कर रहा ,भारत से निष्पक्ष रहने की उम्मीद
कुछ संगठन भारत और तालिबान पर आरोप लगा रहे हैं यह फैसला तालिबान अब भारत की मिलीभगत से लिया गया है। तालिबान प्रवक्ता ने भारत के प्रतिनिधियों से मुलाकात का खंडन किया है। उन्होंने कहा तालिबान अपनी स्वतंत्र नीतियों के लिए किसी से हस्तक्षेप नहीं कर सकता, हम आशा करते हैं कि भारत देश में निष्पक्ष रहेगा।
तालिबान ने चीन को करीब होने का किया दवा..
तालिबान ने कहा है कि वह चीन को अफगानिस्तान का दोस्त मानता है। वह शिनजियांग प्रांत में उइगर इस्लामिक आतंकवाद को बढ़ावा नहीं देगा। तालिबान ने एक तरह से अमेरिका को भी इशारा करते हैं कि वह चीन का करीबी है और वह चीन के साथ कभी विश्वासघात नहीं करेगा । जैसा कि आप गलत है अमेरिका ने तालिबान से अपनी सेना हटा ली है।