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तालिबानों का खतरनाक मंजर आया सामने, 'लड़कियों की लाशों से भी रेप कर रहे हैं, बोली अफगानी महिला- हवसी ज़िंदा-मुर्दा नहीं देखते
तालिबान : तालिबान के अफगानिस्तान (Afghanistan Taliban) पर कब्ज़ा करने के बाद देश के हालात इतने बुरे हो चुके हैं कि यहां के लोग देश छोड़कर कहीं भी भाग जाना चाहते हैं. जिन्हें ये मौका मिल रहा है वो अफगानिस्तान (Life in Afghanistan) के ज़मीनी हालात बयां कर रहे हैं. वहां से भारत लौटी एक महिला ने तालिबान (Taliban Raping Dead Bodies) का जो खौफनाक सच बताया है वो आपका दिल दहला देगा. महिला का कहना है कि तालिबानी (Talibani Atrocities) घर-घर जाकर 12 साल के ऊपर की लड़कियों को तलाश रहे हैं. वे मरी हुई लड़कियों को भी अपनी हवस का शिकार बना रहे हैं.
जिस महिला ने ये हिला देने वाला सच बताया है, वो अफगानिस्तान की पुलिस सेवा (Afghanistan Police Service) में रह चुकी है. मुस्कान नाम की महिला ने ये भी बताया है – 'तालिबान को लड़कियों के ज़िंदा या मुर्दा (Taliban Raping Dead Bodies) होने का कोई फर्क नहीं पड़ता, वे सिर्फ जंग के तोहफे के तौर पर 12 साल से ऊपर की लड़कियों (Taliban Making Girls Sex Slave) को पागलों की तरह ढूंढ रहे हैं.'
मुस्कान नाम की अफगानी महिला ने बताया है कि काबुल और अफगानिस्तान के बाकी हिस्सों में तालिबान की एंट्री के बाद से ही महिलाओं के लिए हालात बहुत मुश्किल हो चुके हैं. तालिबानी छोटी बच्चियों से लेकर महिलाओं तक को सेक्स स्लेव (Taliban Rape Gang) बनाने के लिए घर-घर ढूंढ रहे हैं. कई बार ये घोषणा की जा चुकी है कि अगर कोई महिला काम के लिए बाहर जाती है, तो उसे और उसके परिवार को छोड़ा नहीं जाएगा. वे औरतों की लाशों (Taliban Raping Corpses) को भी नहीं छोड़ते उन्हें अपनी हवस के आगे लड़की का ज़िंदा या मुर्दा होना भी मायने नहीं रखता. वे घर-घर जाकर लड़कियों की तलाश कर रहे हैं. तालिबानी या तो औरतों को सेक्स स्लेव बनाते हैं या फिर उन्हें गोली मार देते हैं.
अधिकार छोड़िए… महिलाओं को इंसान भी नहीं मानते
हालांकि इस बार तालिबान की ओर से कहा गया है कि शरिया कानून (Taliban Shariya Law) के अंदर रहते हुए महिलाओं को अधिकार दिए जाएंगे, लेकिन सच ये है कि तालिबान अपने पुराने रूप में लौट चुका है. महिलाओं और बच्चियों को जबरन उनके घर से उठाकर जबरदस्ती उनकी शादियां कराई जा रही हैं और उन्हें रेप का शिकार बनाया जा रहा है. तालिबानी अविवाहित या विधवा औरतों को 'ग़नीमत' या जंग का तोहफा मान रहे हैं. तालिबान का महिलाओं के लिए क्रूर रवैया साल 1996-2001 का दौर दोहरा रहा है. जिन अफगानी कमांडर्स को तालिबान पकड़ रहा है, उनके घर की लड़कियों और महिलाओं को जबरन उठाकर रेप किया जा रहा है. 45 साल से कम की महिलाओं को लड़ाके अपनी प्रॉपर्टी समझ रहे हैं, जबकि उससे ऊपर की महिलाओं को मौत के घाट उतार देते हैं