- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- Shopping
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
यूएनओ के महासचिव एंटोनियो गुटेरस का कहना है कि इंसानियत इस समय ऐसी बंदूक से खेल रही है जो कारतूसों से लोड है। एंटोनियो गुटेरस कहते हैं कि यह इसलिए है क्योंकि पूरी दुनिया में परमाणु संकट के अधिक फैलने की आशंका बढ़ती जा रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव ने कहा कि यूक्रेन संकट, मध्यपूर्व की स्थति और कोरिया प्रायद्वीप के हालात से पूरे विश्व मे परमाणु संकट का जोखिम बढ़ता जा रहा है।
हिरोशिमा पर अमरीकी परमाणु बम के हमले की 77वीं बरसी पर गुटेरस ने कहा कि हिरोशिमा में पलक झपकते ही हज़ारों लोग काल के गाल में समा गए। उन्होंने कहा कि वे लोग जो इस हमले से बच गए उनको कैंसर तथा अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा। राष्ट्रसंघ के महासचिव गुटेरस का कहना था कि हिरोशिमा पर अमरीकी एटम बम के हमले से हमने क्या सीखा? उन्होंने विश्व के नेताओं से मांग की है कि अपने शस्त्रागारों से वे परमाणु हथियारों को निकाल दें।
याद रहे कि जापानी नगर हिरोशिमा पर अमरीका के एटम बम के हमले की 77वीं बरसी के अवसर पर शनिवार को वार्षिक समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह में संयुक्त राष्ट्रसंघ के माहसचिव गुटेरस ने भी भाग लिया। उल्लेखनीय है कि 6 अगस्त सन 1945 को अमरीकी बम वर्षक विमान ने जापान के हिरोशिमा नगर पर एटम बम गिराया था। एक अनुमान के हिसाब से हिरोशिमा पर परमाणु बमबार में लगभग एक लाख चालीस हज़ार लोग मारे गए। बहुत से लोग तो हमले के बाद मर गए जबकि एसे भी बहुत से लोग थे जो अमरीका द्वारा किये गए एटम बम के हमले के बाद इससे फैले विकिरण के कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियों में ग्रस्त होकर मारे गए।
विशेष बात यह है कि मानवाधिकारों के समर्थन का दावा करने वाले अमरीका ने हिरोशिमा पर परमाणु बम मारने के तीन दिनों के बाद जापान के एक अन्य नगर नागासाकी पर एक अन्य एटम बम गिराया था जिसके परिणाम स्वरूप लगभग 74 हज़ार लोगों की जान चली गई थी।