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श्रीलंका (Sri Lanka) के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (President Gotbaya Rajpakshya) ने देश आर्थिक संकट (Economic Crisis) से बाहर निकालने के लिए 17 मंत्रियों (Ministers) की नई कैबिनेट गठित की है। राष्ट्रपति राजपक्षे ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब श्रीलंका में आर्थिक और राजनीतिक संकट (Political Crisis) के कारण सरकार विरोधी प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
श्रीलंका सरकार के सूत्रों के अनुसार सरकार के कामकाज को सही ढंग से सुनिश्चित करने के उद्देश्य से नए मंत्रियों की नियुक्ति की गई है। उन्हें राष्ट्रपति भवन में शपथ दिलाई गई है। राष्ट्रपति राजपक्षे की ओर से किया गया यह तीसरा कैबिनेट फेरबदल (Cabinet Reshuffle) है।
श्रीलंका की समाचार एजेंसी कोलंबो पेज (Colombo Page) की एक रिपोर्ट की मुताबिक नए मंत्रिमंडल में आठ पूर्व मंत्री शामिल हैं, लेकिन इसमें कई नए चेहरे भी हैं। आपको बता दें कि बीते 3 अप्रैल को प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को छोड़कर अन्य सभी 26 मंत्रियों ने देश के इतिहास में अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट के बीच अपने-अपने विभागों से त्यागपत्र दे दिया था।
इसके अगले दिन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने संसद (Parliament) और देश के अन्य कार्यों की वैधता और स्थिरता बनाए रखने के लिए चार मंत्रियों को नियुक्त किया था। स्वतंत्रता के बाद से यह द्वीप राष्ट्र अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिसमें भोजन और ईंधन की कमी, बढ़ती कीमतों और बिजली कटौती ने बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित किया है, जिसके परिणामस्वरूप सरकार के हालत से निपटने को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
COVID-19 महामारी की शुरुआत के बाद से श्रीलंका की अर्थव्यवस्था एक तेज गिरावट में है, जिससे पर्यटन क्षेत्र लड़खड़ा गया है. श्रीलंका को विदेशी मुद्रा की कमी का भी सामना करना पड़ रहा है, जिससे खाद्य और ईंधन आयात करने की उसकी क्षमता प्रभावित हुई है. आवश्यक वस्तुओं की कमी ने श्रीलंका को मित्र देशों से सहायता लेने के लिए मजबूर किया है.
आपको बता दें कि श्रीलंका में आर्थिक स्थिति को लेकर लोग प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग पर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इससे पहले, प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने राष्ट्र के नाम एक विशेष संबोधन में लोगों से धैर्य रखने और सड़कों पर उतरना बंद करने का अनुरोध किया था ताकि सरकार स्थिति को हल कर सके.